ट्रम्प कितना झूट बोलते है? Trump says lies

डोनाल्ड ट्रंप ने अपने ४ साल के कार्यकाल मे २० हजार बार बोला झूट


वॉशिंग्टन-

अपने ४ साल से भी कम कार्यकाल मे ट्रम्प ने इतना झुट बोला है के आज मजबुरन ये राज जनता के सामने बताना पड रहा है. राष्ट्रपती के चूनाव के चलते जब डोनाल्ड ट्रंप ने पत्रकार परिषद लेकर चूनाव मे धांधली के आरोप लगाया तब अमेरिका के न्यूज चॅनेल ने प्रसारण बंद करते हुए कहा की हमे खेद है की आपको डोनाल्ड ट्रंप का झुट सूनने को मिल रहा है.

डोनाल्ड ट्रंप ने अपने राष्ट्रपती के ४ साल के काल मे २० हजार से भी ज्यादा बार झूठ बोला है. 

सचाई जाचं ने वाली वेबसाईट पॉलिटिफेक्ट के जांच के अनुसार २०१६ से अबतक डोनाल्ड ट्रंप ने ज्यादा झूठ ही बोला है.

वॉशिंगटन पोस्ट के डेटाबेस के अनुसार, ट्रम्पने कार्यभार संभालने के बाद दिनोंदिन अधिक संख्या में झूठी बयानबाजी की है। सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था का निर्माण ट्रंप ने अपने चार साल के कार्यकाल में कम से कम 407 बार दावा किया है.

ट्रम्प कि उन्होंने सबसे मजबूत अमेरिकी अर्थव्यवस्था का निर्माण किया है। लेकीन हकीकत ये है के सही ट्रंप के कार्यकाल से अधिक मजबूत अर्थव्यवस्था आइजनहावर, लिंडन बी जॉनसन और बिल क्लिंटन के समय रही थी।

 ट्रम्पने मेक्सिको बॉर्डर पर दीवार बनाने का दावा 262 बार किया. ट्रंप ने राष्ट्रवादी विचारधारा को हवा देने के लिए अपने कार्यकाल से शुरूआत से ही मेक्सिको बॉर्डर पर अवैध प्रवासियों को घुसने से रोकने के लिए बड़ी दीवार बनाने का ऐलान किया था। वे हमेशाये कहेते रहे हैं कि जल्द ही दीवार को बनाने का काम पूरा होने वाला है। जबकि वास्तविकता यह है कि अब एक कंक्रीट की दीवार बनाने का काम शुरू हुआ है, जबकि पहले से मौजूद बाड़ के कुछ हिस्सों को बढ़ाया गया है।

रूस से कोई मिलीभगत नहीं ये अपने भाषण मे करिबन 236 बार कहा गया. डोनाल्ड ट्रंप चुनाव से लेकर अबतक कहते आ रहे हैं कि उनकी 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में रूस के साथ कोई  समजौता या साथगाठ नहीं हुई थी। ना ही रुस से कोई भी मदत ली है. मुुुलर रिपोर्ट में यह दावा किया गया था कि ट्रंप को जीत दिलाने के लिए उनके रूसी सहयोगियों ने हिलेरी क्लिंटन को बदनाम करने की साजिश रची थी। हालांकि कोर्ट में मूलर इसे साबित नहीं कर पाए।

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एम आय एम श्रीरामपूर शहर सचिव पदी नावेद पटेल - AIMIM SHRIRAMPUR

श्रीरामपूर शहर सचिव पदी नावेद पटेल 


श्रीरामपूर -  आज एम आय एम पक्षाची श्रीरामपूर शहरात बैठक झाली या बैठकीत श्रीरामपूर  शहर सचिव पद नावेद जाकिर पटेल यांना देण्यात आले. एम आय एम जिल्हा अध्यक्ष डॉ परवेज अशरफी साहब यांच्या आदेशाने आणी  जिल्हा उपाध्यक्ष तौसीफ मनियार यांच्या सहमतीने श्रीरामपूर  तालुका अध्यक्ष शकील शेख यांचा अध्यक्षता खाली पटेल यांना नियुक्ती पत्र देण्यात आले. यावेळी  तालुका उपाध्यक्ष यूनुस भाई शेख,  शहर अध्यक्ष यूनुस भाई, शेख शहर उपाध्यक्ष अमोल रुप टक्के,  शहर संगठक किरण बोधक भोकर,  गांव उपाध्यक्ष संदीप अमोलीक, मूसाभाई शेख, मुन्नाभाई शेख आदी. एम आय एम पदाधिकारी उपस्तीत होते. 
         यावेळी तालुका अध्यक्ष यांनी पटेल यांचे नियुक्ती बाबत अभिनंदन केले आणी पक्ष जसा पूर्ण देशात वाळत आहे त्याच प्रमाणे महाराष्ट्रात प्रदेश अध्यक्ष खा . इम्तियाज जलील साहेब आणी प्रदेश कार्याध्यक्ष डॉ गफ्फार कादरी यांच्या नेतृत्वात त्याचा प्रमाणे अहमदनगर जिल्ह्यात एम आय एम जिल्हा अध्यक्ष डॉ परवेज अशरफी यांच्या नेतृत्वात वाळत आहे. पटेल यांनी सर्वाचे आभार मानले आणी पक्षाचे काम एक निष्ठेने कार्यांची गव्हाई दिली. पटेल यांचे सर्वत्र अभिनंदन होत आहे. 

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अमेरिका की वोट गिनती .. AMERICA VOTE COUNTING

अमेरिका में वोट गिने ही जा रहे हैं- आज  तीसरा दिन 



दुनिया - दुनिया का सबसे तकनीक आधारित देश किसी मशीन या इलेक्ट्रोनिक्स से परे, हाथ से ठप्पा लगाकर अपने नागरिकों का निर्णय गिन रहा है। इस देश के लिए सच्चाई महत्वपूर्ण है, सबसे तेज नतीजे  देना नही। किसीको कोई जल्दी नही है। आखरी वोट तक इत्मीनान से गिना जाएगा, भले पूरा हफ्ता लगे। यह सबसे पुराने लोकतंत्र का हाल है। दुनिया के दूसरे छोर पर हाल उलट है। सबसे बड़े लोकतंत्र में वोटिंग को तकनीक प्रेम का तमाशा बनाया जा चुका है। आम जनसुविधाओं में भिखारीमाल देश, वोटिंग में स्पेस एज टेक्नोलॉजी का दिखावा करता है। क्या इसलिए कि फटाफट नतीजी आये, झटपट सरकार बने। इतनी जल्दी क्यों है भाई???  यह सोचना जरुरी है. 

         इ वी एम  का उल्लेख संविधान  में नही है। यह संसद, कानून या विधिद्वारा स्थापित प्रक्रिया नही है। यह किसी एक इलेक्शन कमिश्नर यांनी निवडणूक अधिकारी  के एक आदेश  द्वारा एक पहल है। इलेक्शन कमिश्नर - एक आईएएस, एक नौकरशाह, संसदीय प्रक्रियाओं द्वारा नियुक्त एक पटवारी है। इससे अधिक कुछ नही। जब मशीन का उपयोग शुरू हुआ, किसी को शकों शुबहा न था। बीस साल बाद हजारों सवाल उठ चुके हैं। इसलिए कि बीस साल में तकनीक ने लम्बा सफर तय कर लिया है। आज की हर तकनीक, बीस साल पहले की हर तकनीक को बौना, बचकाना और आदिम साबित कर चुकी है. 

        इ वी एम पवित्र है या नही, टेम्पर या हैक हो सकती है या नहीं.. यह बहस को दूसरी दिशा में ले जाता है। इस बहस को कोडिंग, सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर के जानकारों के बीच रहने दीजिए। हमे भला इससे मतलब क्यो हो? लोकतंत्र में जी रहे साधारण नागरिक को अपने वोट के गिनती किये जाने से मतलब है। राजव्यवस्था, इलेक्शन कमीशन और कोर्ट्स को सिर्फ यह इंश्योर करना है कि आम नागरिक का वोट गिनती करे। वह भी एक पारदर्शी, रिचेकिंग के योग्य, एविडेंस बेस्ड प्रक्रिया से .और "इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन एक अपारदर्शी प्रक्रिया है, और अपारदर्शी सिस्टम का लोकतंत्र की सबसे महत्त्वपूर्ण प्रक्रिया में स्थान नही होना चाहिए"... यह जर्मनी की सुप्रीम कोर्ट का जजमेंट है। 

        मतपत्र से हुए चुनाव में निरीक्षक  के सामने एक एक मत खोला जाता है, चेक किया जाता है, बंडल बनते हैं, गिना जाता है। इ वी एम सीधे थोक में एक आंकड़ा देती हैं। संगणक चिप में झांक नही सकता। उसे मशीन की पवित्रता पर आस्था रखनी पड़ती हैं। जरा सोचिए- जनमत का फैसला, और आस्था के बूते ? और चेकिंग का दूसरा रास्ता भी बेशर्मी से बन्द है। व्यवस्था यह सेट की गई है कि रैंडमली सिर्फ 5% की विविपैट चेक होगी। क्या लोकतंत्र का तकाजा ये नही कि, हर एक वोट की जाचं होना चाहिए?  

        लोकतंत्र की सबसे मूल प्रक्रिया को अपने तकनीकी एडवांसमेंट का नुमाईश  बंनाने की जरूरत नही। जिंदगी की सबसे बेसिक चीजें हम सशरीर, मानवीय तरीके से करते हैं। खाना हाथ से खाते है, बच्चों पर प्यार से हाथ फेरते है। बस वैसे ही, लोकतंत्र के अस्तित्व की सबसे बेसिक प्रकिया, उसी स्पर्श भरे मानवीय तरीके से होनी चाहिए। 

यह बात हमे अमेरिका से सीखनी चाहिए।

मनीष सिंग 


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ट्रम्प खोटे बोलत आहे ?...

जामियाचे प्राध्यापक इमरान अली देशातले एक नंबर वैज्ञानिक ..

बिहार चुनाव मे एम आय एम की जीत पक्की...

मुस्लिम आरक्षण संघर्ष समन्वय समिती महाराष्ट्र राज्य MASS,

MASS 

नांदगाव तालुका व मनमाड शहर नूतन कार्यकारणी जाहीर


मनमाड: आज दि,06/11/2020 मुस्लिम आरक्षण संघर्ष समन्वय समिती महाराष्ट्र राज्य MASS, ची नांदगाव तालुका व मनमाड शहर नूतन कार्यकारणी जाहीर,

कार्यक्रमाच्या अध्यक्ष पदी MAAS नांदगाव तालुका सचिव फिरोज भाई शेख यांनी सूचना मांडली,व सुचनास शहराध्यक्ष कादिर शेख यांनी अनुमोदन दिले कार्यक्रमाचे अध्यक्ष कयाम भाई सैय्यद होते ह्या वेळी,

मौलाना तौसिफ,मौलाना रेहान,

फिरोज भाई शेख,कादिर भाई शेख,यांची मनोगत व्याक्त केले मा,कयाम भाई सैय्यद यांनी अध्यक्ष स्थानी समारोप मनोगत व्याक्त करून समितीस मार्गदर्शन केले, 

नूतन कार्यकारणी पुढीलप्रमाणे: 

. मा.मौलाना तौसिफ व मा.हाफिज रेहान यांची तालुका सल्लागार पदी तर जाहिद शेख यांची तालुका सहसचिव,अफरोज अत्तार यांची मनमाड शहर सचिव, तौसिफ खान यांची शहर सहसचिव,अकिल सैय्यद यांची शहरउपाध्यक्ष,सद्दाम अत्तार यांची युवा मनमाड शहराध्यक्ष,शकील शेख यांची शहर युवा सचिव,सोहेल जाफरी यांची शहर कार्यध्यक्ष,जावेद शेख यांची शहर कार्यध्यक्ष,उस्मान खान यांची शहर संघटक,पदी

 नियुक्ती करण्यात आली,

सर्व नूतन कार्यकारणीला हार्दिक शुभेच्छा देण्यात आले.

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ट्रम्प खोटे बोलत आहे ?...

जामियाचे प्राध्यापक इमरान अली देशातले एक नंबर वैज्ञानिक...

संविधान लिहिल्या नंतर डॉ आंबेडकरांच्या डोळ्यात आले अश्रु.....

बिहार चुनाव मे एम आय एम की जीत पक्की - bihar election 2020

बिहार मे एम आय एम के १०-१२ आमदार जित हासील करेंगे - 

जमीर अहमद कादरी


बिहार विधानसभा निवडणूक मे एम आय एम की जीत पक्की है. बिहार विधानसभा चूनाव मे पुरे देश की नजरे टिकी है. एम आय एम ने सिमंचाल जो विकास से वंचित हैं वहा के नागरिक को विकास, आरोग्य, शिक्षा, रोजगार के मुद्दे पर वोट करणे की अपील की हैं. विकास के मुद्दे पर मतदाता को न्याय दिलाने के ली लिये एम आय एम बिहार चुणाव मे उतरी हैं. बिहार मे नया गटबंदनमे एम आय एम ने २० जगह अपने उमिदवार उतारे. पार्टी अध्यक्ष खा. असदुद्दीन ओवेसी, खा. इम्तियाज जलील, डॉ गफ्फार कादरी, मोईन सय्यद, असीम वकार, आदी. के जाहीर सभा को जनता ने जबरदस्त प्रतिसाद दिया. जनता ने एम आय एम का परियाय को पसंद किया है १० नवम्बर को एम आय एम की जीत का जशन मानायेंगे. १० से १२ आमदार एम आय एम के बिहार विधानसभा मे जीत कर जायेंगे ऐसा भरोसा प्रवक्ते जमीर अहमद कादरी ने जताया है.

बिहार चुनाव के चलते हैदराबाद, मुंबई, औरंगाबाद से अनेक जिम्मेदार और पदाधिकारी प्रचार के लिये बिहार पहुंचे थे.

 औरंगाबाद से महाराष्ट्र प्रदेश कार्याध्यक्ष डॉ. गफ्फार कादरी, नासेर सिद्दीकी, शेख अहेमद, अयूब जागिरदार, गंगाधर ढगे, अरुण बोर्डे, हाजी इसाक खान बिहार चूनाव मे मेहनत ली है. 

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जामियाचे प्राध्यापक इमरान अली देशातले एक नंबर वैज्ञानिक....

मौलाना हसरत मोहानी...


ट्रम्प खोटे बोलत आहे ? - AMERICA NEWS

 अमेरिका टीव्ही न्यूज चेनलने राष्ट्रपती ट्रम्प चे भाषण रोखले 


वाशिंग्टन - अमेरिकाचे टीव्ही न्यूज चेनल ने आज एक ऐतिहासिक काम केले जे आज पर्यंत कोणत्याही टीव्ही चेनलवाल्यांनी साहस केले नाही. ज्या प्रकारे निवडणुकचे निकाल येत होते ट्रम्प ने मेडिया समोर गुरवारी रात्री येऊन आणी पत्रकार परिषद सुरु केली. पत्रकार परिषदेत बोलतांना ट्रम्प यांनी मत मोजणीत धांदली होत असल्याचा आरोप केला. ज्यामुळे अनेक न्यूज चेनल ने ट्रम्प यांचे भाषण प्रसारान बंद केले आणी ट्रम्प यांचे आरोपाला खोटे दाखवले.

MNSBC च्या प्रसारण बंद करून ब्रेन विलियम्स ने सांगितले की " इथे आम्ही परत अमेरिका राष्ट्रपती यांचा भाषण थांबवत आहे आणी त्यांचे भाषांत दुरुस्ती पण करत आहे.

CNN चे जेक टेप्पर यांनी ट्रम्प यांचे भाषण बंद करून सांगितले की राष्ट्रपतीच्या निवडणूक मध्ये आपल्याला खोटे ऐकावे लागता आहे आणी ट्रम्प हे फक्त खोटआणी खोटे बोलू राहिले, त्यांच्याकळे कोणताही पुरावा नसल्याचा टेप्पर यांनी सांगितले.

या अगोदर ट्रम्प ने टीवीट करून आरोप केले होते ज्यामुळे ट्विटर ने कारवाही करून बॉल्क केले. राष्ट्रपती ट्रम्प ने केलेल्या बहुतेक टीवीटला कित्यक तास कोण्ही  लाईक आणी कमेंट केले नाही. 

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जामियाचे प्राध्यापक इमरान अली देशातले एक नंबर वैज्ञानिक...

फडणवीस सरकार के फैसलो पर ठाकरे सरकार का प्रहार...

नाम रहने के बावजुद क्यो नही किया गिरफ्तार ?

कोरोना २ को कैसे रोके ?

धुळे शहरातील प्रसिद्ध हजरत मेहबुब सुभानी बाबा दर्गाचे होणार सुशोभिकरण....

जामियाचे प्राध्यापक इमरान अली देशातले एक नंबर वैज्ञानिक - JAMIYA MILLIA ISLAMIYA UNIVERSITY

प्राध्यापक इमरान अली देशातले एक नंबर वैज्ञानिक

एनोलीटीकल केमेस्ट्री मध्ये भारताचे नंबर एक आणी जगातील २४ वे व्याग्यानिक चा मान जामिया युनिवर्सिटी चे प्रा. इमरान यांना मिळाला.

जामिया मिल्लिया इस्लामिया विद्यापिठ साठी आनंदाची बातमी आहे कि केमेस्ट्री चे प्रा.इम्रान अली यांना भारताचा नंबर एक चा वैज्ञानिक घोषित करण्यात आले. ही घोषणा अमेरिकाचे स्टेनफोर्ड विश्वविद्यालय तर्फे करण्यात आले आहे. जगातील श्रेष्ठ वैज्ञानिकची यादी प्रसिद्ध पत्रिका पी एल ओ एस (PLOS ) मध्ये प्रकाशित करण्यात आली आहे.

जामिया साठी आनंदाची गोष्ट मंजे प्रा. अली सोबत आणखी २४ वैज्ञानिकांचे नाव यादीत आहे. प्रा अली आपल्या क्षेत्रात जगात २४ वे स्थान ला आहे आणी भारत देशात एक नंबरला. प्रा अली यांनी रसायन विज्ञान मंजेच केमेस्ट्री मध्ये हा खिताब मिळविला आहे.पी एल ओ एस बायोलोजी  ने विविध क्षेत्रातील ६८,८०,३८९ वैज्ञानिकांची यादी प्रसारित केली होती. या वैज्ञानिकांनी  आप आपल्या क्षेत्रात महत्वाचे शोध केले आहे. जामियाचे कुलपती प्रा. नजमा अख्तर यांनी सर्वांनचे अभिनंदन केले. प्रा नजमा पुढे म्हाणाले जामिया ला १०० वर्ष पूर्ण होत असल्याने मोठी आनंदाची बातमी वैज्ञानिकांनी  दिली आहे. वैज्ञानिकांनी  एकदा परत सिद्द करून दिले कि जामिया शोध आणि उच्च गुणवत्तेत चांगल्या प्रकारे काम करत आहे.

जमियाचे इतर विज्ञानिक 

  • प्रा. मोहम्मद सामी 
  • प्रा अंजन सेन 
  • प्रा. शरीफ अहमदप्रा. हसीब अहसान 
  • प्रा. तबरेज ए. खान
  • प्रा.सुशांत घोष
  • डॉ रफीक अहमद
  • डॉ अतीक उर रहेमान
  • डॉ अरुण कुमार
  • डॉ आबीद हलीम 
  • प्रा. तौकीर अहमद
  • डॉ एम डी इम्तियाज हसन          

फडणवीस सरकार के फैसलो पर ठाकरे सरकार का प्रहार- THAKRE UDDHAV-CM

फडणवीस सरकारने लिया हुआ फैसला ठाकरे सरकार ने बदल दिया


सिंधदुर्ग - फडणवीस सरकार ने लिये बहुत से फैसल महाराष्ट्र के मुख्य मंत्री उद्दव ठाकरे की महाविकास ने बदलने का निर्णय लीया है. घर बांधकाम के लिये अब के लिये फिर से ग्रामविकास अधिकारी की इजाजत लेनी होंगी इस्का खुलासा शिवसेना के नेते और महसूल राज्यमंत्री अब्दुल सत्तार ने सिंददुर्ग मे एलान किया. डणवीस सरकारने घर बांधकाम की ईजाजत टाऊन प्लॅनिंग यांनी जिल्हा स्तर पर दिये थे जिस्के चालते जनता को बहुत दिकक्तोका सामना करना पडता था जो अब बदलकर ग्रामविकास अधिकारी जे पास दे दिया हैं. पुरे राज्य से इस फैसले का विरोध और स्थानिक लोक प्रतिनिधी का विरोध, सामान्य जनता को होनेवाले कटीनायी  के कारण महाविकस आघाडी सरकार ने ये फैसला लिया. राज्य मे सरकार बदलणे के बाद पहेली सरकार ने लिये हुए बहुत से फैसले बदल दिये गए है या उस प्रकल्प को रोक लगा दी है.

मेट्रो प्रकल्प आरे कारशेड कांजूरमार्ग हलाने का निर्णय सरकारने लिया है. कांजूरमार्ग के लिये एक नये पैसे का भी ज्यादा खर्च नहीं होने वाला ऐसा मुख्य मंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है. नाशिक का ड्रीम प्रोजेक्ट मेट्रो प्रोेक्ट को रोखणे के हालचाल शुरू हो चुके है.

फडणवीस सरकार का महत्त्वपूर्ण हायपरलुप प्रोजे्ट को उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने लाल झंडी दुखणे के कारण इस प्रोजेक्ट को भी जमा कर बंद करना होंगा

मुख्य मंत्री, उप मुख्यमंत्री, नगर विकास मंत्री, प्रशासकीय अधिकारी, PMRDA अधिकारियों की बैठक मे ये फैसला लिया है की हायपरकुल प्रोजेक्ट की अब जरुरत नहीं है. शिक्षक के तबादला धांडली रोखणे के लिय फडणवीस सरकार ग्राम विकास मंत्री पंकजा मुंडे ने ऑनलाईन बदली का धोरण अपणया था जीसे ठाकरे सरकार मे सत्ते मे आते ही बदलकर फिरसे जिल्हा परिषद हो सौप दिया.

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मोदी सरकारचे कायदे शेतकरी विरोधी....

नाम रहने के बावजुद क्यो नही किया गिरफ्तार ?...

पर्यटन मंत्री ना. आदित्य ठाकरे या स्थळाला भरघोस निधी देणार - आमदार फारूक शाह......




मोदी सरकारचे कायदे शेतकरी विरोधी - Modi Govt.

मोदी सरकारचे नवे कायदे शेतकरीविरोधी असल्याने कृषीप्रधान भारत रसातळाला जाण्यापासुन वाचविणे गरजेचे आहे.

ॲड कॉ.बन्सी सातपुते




अहमदनगर ( प्रतिनिधी ) - 

देेशातील सत्तेवर असलेल्या हुकुमशाही मोदी सरकारने देशभरातील शेतकरी, कामगार व सर्वसामान्य जनतेच्या हिताविरूध्द वर्तणुक सुरू केलेली असुन नुकतेच पाशवी बहुमताच्या जोरावर शेतकरीविरोधी असलेले कायदे मंजुर केले आहेत. हे नवे कायदे शेतकरी, कामगार व सर्वसामान्य माणसाच्या विरोधातील असुन भांडवलदार धार्जिणे आहेत. असे देशविरोधी कायदे जनतेने नाकारले पाहिजेत असे प्रतिपादन ॲड.कॉ.बन्सी सातपुते यांनी केले.

    अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समितीच्या आवाहनानुसार अहमदनगरमधील मार्केटयार्ड येथील विश्वरत्न डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर पुतळ्यासमोर अखिल भारतीय किसान सभा व महाराष्ट्र राज्य किसान सभेच्या वतीने निदर्शने व चक्काजाम आंदोलन करण्यात आले यावेळी ते बोलत होते. केन्द्र सरकारने देशातील जनतेच्या विरोधातील केलेले कायदे त्वरीत रद्द करावेत यासाठी आता जनतेने येत्या काळात रस्त्यावर उतरण्याचे आवाहन त्यांनी केले.

    विश्वरत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर यांच्या पुतळ्यास विकास गेरंगे आणि सतीश निमसे यांच्या हस्ते पुष्पहार अर्पण करून अभिवादन करण्यात आले. यावेळी शेतकरी, कामगार आणि सर्वसामान्य जनता आंदोलनात सहभागी झाली होती. यावेळी मोदी सरकारच्या शेतकरी, कामगार व सामान्य जनताविरोधी धोरणाचा घेषणा देत धिक्कार करण्यात आला.

    आंदोलकांस सिटु संघटना जिल्हाध्यक्ष कॉ.प्रा.डॉ. महेबुब सय्यद, कामगार नेते महादेव पालवे आणि शेतकरी नेते विकास गेरंगे आदींनी मार्गदर्शन केले.

   आंदोलनाचे सुत्र संचालन कॉम्रेड भैरवनाथ वाकळे यांनी केले तर आभार कॉ.कार्तिक पासलकर यांनी मानले. आंदोलन यशस्वी करण्यासाठी तुषार सोनवणे, अमोल पळसकर, दत्ता जाधव, राहुल कराळे, गणेश माने आदींनी परिश्रम घेतले.

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अर्णब गोस्वामी का नाम सूसाईड नोटमे रहने के बावजुद क्यो नही किया था गिरफ्तार...

अर्णब गोस्वामी मामलेमे पत्रकार संघटना सच के साथ...

धुळे शहरातील प्रसिद्ध हजरत मेहबुब सुभानी बाबा दर्गाचे होणार सुशोभिकरण..


अर्णब गोस्वामी का नाम सूसाईड नोटमे रहने के बावजुद क्यो नही किया था गिरफ्तार...- ARNAB GOSWAMI ARREST

नाम रहने के बावजुद क्यो नही किया गिरफ्तार ?

 

मुंबई - अन्वय नाईक सुसाईड नोट मे  तीन व्यक्ती के नाम का उल्लेख है. मे २०१८ से अभी तक इन तीनो पर कोई कारवाही नही हुई. महाराष्ट्र पोलीस ने आज कारवाही करने के बाद नाईक के परिवार ने आभार व्यक्तकर सलाम किया. एक पत्रकार परिषद मे नाईक के परिवार ने आपनी भावना व्यक्त करते हुए कहा  इंटिरियर डिझायनर नाईक इनके आत्महत्या के मामलेमे रिपब्लिक टीव्ही चेनल के संपादक अर्णव गोस्वामी को हिरासत मे  लिया है.

        परिवार वालो ने पत्रकार परिषद लेकर कहा की मेरे पिताजी और मेरी दादीने ५ मी २०१८ को आत्महत्या की और पिताजीने सुसाईड नोट मे जीन तीन व्यक्ती का जिक्र किया उन्मेसे अर्णव गोस्वामी एक है. इतने दिनोसे हम कारवाही की मांग कर रहे थे  लेकीन इतने दिनो तक कारवाही क्यो नही हुई. सुशांत राजपूत मामले मे गोस्वामी कोई सुसाईड नोट नही रहेने के बावजुद आवाज उठाई लेकीन मेरे पिताजी के नोट मे नाम रहेने के बाद भी ये मामला इतने दिनो तक दबाए रहा .ऐसा आरोप नाईक इनकी बेटी आज्ञा नाईक ने किया. नाईक की पत्नी अक्षता नाईक ने कहा अगर गोस्वामी और वो दो व्यक्ती मेरे पती के पैसे दे देते तो आज वो जिंदा रहते. अर्णव गोस्वामी ने दुसरो को हुमारे खिलाफ भडकाते है की आप लोग भी इन्हे पैसे ना  दे.

रिपब्लिक स्टुडियो हा अन्वय नाईक यांचा शेवटचा प्रोजेक्ट होता.

पोलीसने अर्णव गोस्वामी पर और एक गुन्हा की नोंद की है . महाराष्ट्र पोलीस ने अर्णव गोस्वामी पर सरकारी कामोमे दखल देनेका मामला भी दर्ज किया है.

आपको बता दे की २०१८ मे  महाराष्ट्र मे भाजप की सरकार थी 

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अर्णब गोस्वामी मामलेमे पत्रकार संघटना सच के साथ...

अर्णब गोस्वामी को किया गिरफ्तार

अहमदनगर पाणी पुरवठा विस्कळित....

मानवसेवा प्रकल्पाच्या मायेने मिळाली घर परतीची वाट manavseva

मानसिक भान हरवलेला दिपक उपचारानंतर कुटुंबात  



अहमदनगर - अहमदनगर जिल्ह्यातील अकोले येथे ऐन लॉकडाऊन मध्ये दि. १०/०४/२०२० रोजी बेवारस मनोरुग्ण तरुण सैरावरा फिरत असल्याचे अकोले पोलिसांना समजले. अकोले पोलेसांनी या मानसिक भान हरवलेल्या तरुणाला श्री अमृतवाहिनी ग्रामविकास मंडळाच्या *मानवसेवा* प्रकल्पात दाखल केले होते. संस्थेने या निराधार तरुणावर मानसोपचार तज्ञ डॉ. अनय क्षीरसागर यांच्या मार्गदर्शनाने उपचार देवून समुपदेशन केले. या तरुणाकडून मिळालेल्या माहितीचा आधार घेत श्री अमृतवाहिनी ग्रामविकास मंडळाचे संस्थापक दिलीप गुुंजाळ यांनी नाशिक जिल्ह्यातील सिन्नर पोलीस स्टेशनचे कॉंस्ट्रेबल मा. श्री पगारे यांना दिपकबद्दल माहिती दिली. त्यावरुन श्री पगारे यांनी दिपक हा औढेंवाडी ता. सिन्नर जि. नाशिक येथील आहे असा अंदाज व्यक्त करत त्या गावातील पोलीस पाटील श्री नाना कुंदे यांचा मोबाईल नंबर दिला. दिलीप गुंजाळ यांनी औढेंवाडीचे पोलीस पाटील श्री नाना कुंदे यांना संपर्क करुन या तरुणाने सांगितलेली माहिती दिली, आणि मानसिक भान हरवलेला दिपक औंढेवाडी येथील गरीब आदिवासी कुटुंबातील असल्याची खात्री पटली. दि. २ नोव्हेंबर २०२० रोजी दिपक या तरुणाला घेवून श्री अमृतवाहिनी ग्रामविकास मंडळाचे संस्थापक दिलीप गुंजाळ, राहुल शिरसाठ, सिराज शेख, विकास बर्डे हे उंच उंच डोंगर, द-याखो-यातून मार्ग काढत या छोट्याशा गावात पोहचले. मानसिक भान हरवलेल्या दिपकला उपचारानंतर कुटुंबाच्या व ग्रामस्थांच्या ताब्यात देवून कायमस्वरुप पुनर्वसन केले.

वडीलांचा मृत्यु मनाला चटका लावून गेला

वडीलांच्या अचानक झालेल्या निधनानंतर दिपकला मोठा मानसिक धक्का बसला होता. आणि या धक्यामुळे निराधार दिपकने आपले घर व गाव सोडले होते. कुटुंबातील व्यक्ती व गावकरी यांनी दिपकचा शोध घेतला पण सापडला नाही अखेर आज मानवसेवा प्रकल्पामुळे या तरुणाला आपले कुटुंब व गाव पुन्हा मिळाल्याची प्रतिक्रीया पोलीस पाटील श्री नाना कुंदे यांनी दिली. संस्थेचे आधारस्तंभ श्री शशिकांत चंगेडे, श्री संजय शिंगवी, श्री अविनाश मुंडके, श्री नाना भोरे, श्री संजय खोंडे यांच्या मार्गदर्शनाने निराधार मनोरुग्ण तरुणाला पुन्हा जीवनाची नवी दिशा मिळाली. मानवसेवा पुनर्वसन कार्यात संस्थेचे स्वयंसेवक अंबादास गुंजाळ, सिराज शेख, राहूल साबळे, प्रसाद माळी, अशोक मदणे, अनिता मदणे यांनी परिश्रम घेतले.

"मानवसेवा हीच, ईश्वर सेवा!" 

*मानवसेवा प्रकल्प*

(मन व घर हरवलेल्या मानसांच हक्काच घर)

श्री अमृतवाहिनी ग्रामविकास मंडळ

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अर्णब गोस्वामी को किया गिरफ्तार...

अर्णब गोस्वामी मामलेमे पत्रकार संघटना सच के साथ......




अहमदनगर पाणी पुरवठा विस्कळित- No Water

पाणी पुरवठा विस्कळित


अहमदनगर - दि ४/११/२०२० रोजी शहर पाणी पुरवठा योजनेवरील विळद पंपिंग स्टेशन येथील १ पंप नादुरुस्त झाला असून दुरूस्तीचे काम हाती घेण्यात आले आहे. त्यामुळे पाणी पुरवठा विस्कळीत झाला आहे.या कारणांमुळे गुरूवार दि ५/११/२०२० रोजी रोटेशन नुसार पाणी वाटपाच्या शहराच्या मध्यवर्ती भागास उदा . सिद्धार्थ नगर ' लालटाकी' दिल्लीगेट' चितळे रोड, तोफखाना, नालेगांव ' कापड बाजार , आनंदि बाजार, स्टेशन रोड. विनायक नगर, बालिकाश्रम रोड, सावेडी उपनगर, इ भागास पाणी पुरवठा होणार नाही . या भागास शुक्रवार दि ६/११/२०२० रोजी पाणी पुरवठा करण्यात येईल. तसेच शुक्रवार दि ६/११/२०२० रोजी रोटेशन नुसार पाणी वाटपाच्या शहराच्या मध्यवर्ती भागास उदा . झेंडी गेट' रामचंद्र खुंट' हातमपुरा' रामचंद्र खुंट' कोठला' माळीवाडा', सारसनगर् बुरूडगाव इ . भागास शनिवार दि ७/११/२०२० रोजी पाणी पुरवठा करण्यात येईल . 

तरी वरिल सर्व परिस्थीती विचारात घेऊन नागरिकांनी असलेल्या पाण्याचा वापर कारकस रितीने करावा व महानगर पालिकेस सहकार्य करण्याचे आव्हान अहमदनगर महानगपालिके तर्फे करण्यात आले आहे.

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अर्णब गोस्वामी मामलेमे पत्रकार संघटना सच के साथ...

अर्णब गोस्वामी को किया गिरफ्तार....

अर्णब गोस्वामी मामलेमे पत्रकार संघटना सच के साथ- ARANAB GOSWAMI ARREST

अर्णब गोस्वामी मामलेमे पत्रकार संघटना सच के साथ    



रिपब्लिक टी व्ही के संपादक अर्णब गोस्वामी का विरोध करना मुनासीफ नही ये मामला व्यक्तीगत है इससे पत्रकारिता का कोई संभंध नही. एसी भूमिका अर्णब माम्लेमे पत्रकार संघने ली. अलीबाग तालुका कावीर गाव मे अन्वय नाईक और कुमुद नाईककी खुद्कुशी मे २०१८ मे की थी. 
गोस्वामी के पास से नाईक को एक बडी रक्कम अपने काम की लेणी थी  जो न देणे की वजहसे नाईक ने खुद्कुशी की ऐसा उनके लिखे पत्र से मालूम हुआ. उस वक्त अलीबाग पोलीस ने गुन्हा दाखल किया लेकीन कोई कारवाही नाही की. नाईक के परिवार ने सी.आय.डी से जाचं की मांग की  इसलिये महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनील देशमुख ने ये मामला सी.आय.डी को सौप दिया. सी.आय.डी ने नयेसे जाचं करते हुए गोस्वामी को हिरासात मे लिया. इस मामलेका और पत्रकारीते का कोई संबंध नही इसलीये इस गिरफ्तारी का विरोध नही किया जाए. 
कानुन को अपना काम करने देना यही उच्चीत रहेंगा ऐसी भूमिका मराठी पत्रकार परिषद और पत्रकार हल्ला विरोधी कृती समिती ने लिया है. गोस्वामी की गिरफ्तारी पर टीव्ही जर्नलिस्ट असोसिएशन ने भी अपनी भूमिका सपष्ट  की है की ये एक व्यक्तिगत मामला है.                   
नाईक खुद्खुशी का मामला ये मे २०१८ का है उस वक्त महाराष्ट्र मे भाजप सरकार कार्यरत थी. उस वक्त ये नाईक मामलेमे कोई कारवाही नाही की गई थी. कूछ राजनीतिक पार्टी अर्णब के समर्थन मे उतरी है आपको ये बतादे की यही वो राजकीय पार्टी है जिनके कार्यकाल मे ये घटना हुई थी.      

अर्णब गोस्वामी को किया गिरफ्तार - ARNAB GOSWAMI

अर्णब गोस्वामी को किया गिरफ्तार -



मुंबई - रिपब्लिक टी व्ही के संपादक अर्णब गोस्वामी को अलिबाग पोलीसने किया गिरफ्तार. इंटेरियर डिझायनर अन्वय नाईक और उनकी माताके आत्महत्या मामलेने मे गोस्वामी को हिरासतमे लिया. अन्वय नाईक ने रिपब्लिक टी व्ही चेनल के स्टुडियो का इंटेरियर डीझाईन किया था. इस काम के ५ कोटी ४० लाख रुपये आने बाकी थे. लेकीन बारबर बारबर अपनी रक्कम मांगने के बावजुद  गोस्वामी से पैसे नही मिल पाए. 
         मानसीक तणाव के कारण अन्वय नाईकने अलीबाग के नजदीक कावीर गाव मे आत्महत्या की. उसके बाद नाईककी मातानेभी आत्महत्या की. गोस्वामी ने पैसे नही देनेके कारण निराश होनेकी वजह से आत्महत्या कर रहा हु ऐसा एक पत्र नाईकने आत्महत्यासे पहले लिखा था. इस मामलेमे नाईक की पत्नी अक्षता ने तक्रार देणे के बाद अलीबाग पोलीस ने  कलम ३०६ के तहेत गुन्हा दाखल किया है. इस मामलेकी तहेकीकात  के लिये अलीबाग पोलीस ने गोस्वामी को हिरासत मे लिया है. अन्वय नाईक की बेटी आज्ञा ने कूछ महीने पहले ग्र्हमंत्री अनील देशमुख से मुलाकात की थी. अन्वय नाईक आत्महत्या के मामलेमे गोस्वामी को कई बार नोटीस भेजी.लेकीन गोस्वामी पोलीस से बोलने के लिए तयार नही हुए. आखिरकार आज पोलीस ने अर्णब गोस्वामी के खिलाफ कारवाही कर हिरसात मे लिया. पोलीस अधिकारी और उनके सहकारीने कांदिवलीसे फिरोज शेख, और जोगेश्वरी से निलेश सरडा को भी हिरसात मी लिया.  

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धुळे शहरातील प्रसिद्ध हजरत मेहबुब सुभानी बाबा दर्गाचे होणार सुशोभिकरण..

पर्यटन मंत्री ना. आदित्य ठाकरे या स्थळाला भरघोस निधी देणार - आमदार फारूक शाह


धुळे दि.०३-११-२०२० - शहरात लहान टेकडीवर ऐतिहासिक असे मेहबुब सुभानी दर्गाह हे अत्यंत पवित्र आणि जागृत स्थान आहे. मेहबुब सुभानी दर्गाह हा अतिशय प्राचीन दर्गा आहे. मुस्लीम बांधवांच्या समवेतच हिंदू समाजातील भिल्ल, आदिवासी बांधव देखील या दर्ग्यास आदराचे स्थान मानतात. त्यांचे मान-मानता, नवस करत असतात. नवसाला पावणारा देव म्हणुन या दर्ग्याचे स्थान खुप मोठे आहे. या ठिकाणी दररोज धार्मिक कार्यक्रम होत असतात. त्याच प्रमाणे दर गुरुवारी व शुक्रवारी सर्व धर्मीय नागरिक येथे दर्शनासाठी येत असतात. त्याच प्रमाणे गुरुवारी अन्नदानाचा कार्यक्रम आयोजित केला जातो व त्याला प्रचंड प्रतिसाद मिळत असतो. या दर्ग्यावर जाण्यासाठी कुठल्याही प्रकारचा रस्ता नाही व लाईटची सोय नाही. सर्व टेकडी चढ-उताराची आहे. वयोवृद्ध भाविकांना या दर्ग्यावर जाणे-येणे फारच त्रासदायक होत असते. दर वर्षी उरूस, संदल असे कार्यक्रम ५-६ दिवस मोठ्या उत्साहात साजरे होतात. या दर्ग्यास धुळे शहरा बरोबर मालेगाव, सटाणा, अंतापुर ताहराबाद, शिरपुर, शिंदखेडा, अंमळनेर, पारोळा, जळगाव या परिसरातुन २० ते २५ हजार भाविक मोठ्या प्रमाणावर येत असतात. तरी या ठिकाणी भाविकांच्या सोईसाठी रस्ता होणे तसेच विजेची सोय देखील होणे अत्यंत गरजेचे आहे. याला अनुसरून आज धुळे शहराचे आमदार फारूक शाह यांनी मंत्रालय मुंबई येथे पर्यटन मंत्री, पर्यावरण, राजशिष्टाचार श्री. आदित्य ठाकरे यांची भेट घेऊन मेहबूब सुभानी दर्गाह बाबतचे नुतनीकरण व सुशोभिकरण करणेबाबतचे निवेदन सादर केले. त्याला प्रतिसाद देत श्री. आदित्य ठाकरे यांनी या स्थळाला भरघोस निधी देणार असल्याचे मान्य करत लवकरात लवकर निधी उपलब्ध करून देऊ असे आश्वासन दिले.


मौलाना हसरत मोहानी - Indian Freedom Fighter

मौलाना हसरत मोहानी 



        डॉ बाबासाहेबांच्या बरोबर चर्चा करणारी या चित्रातील व्यक्ती म्हणजे मौलाना हसरत मोहानी! मौलानाचा पूर्ण नाव सय्यद फजल - उल - हसन तखल्लुस हसरत होते. ते मोहान गावत  जिल्हा उन्नाव  १८७५ ला जनमले .१९०३ साली अलीगढ येतून बी ए चा शिक्षण घेतले.    

     भारताच्या स्वातंत्र्यलढ्यात सर्व प्रकारे योगदान देणाऱ्या मौलाना हे नेहमी इंग्रज विरोधातील लढ्यात शामील होते. मौलाना साहेबांनी अनेकदा सश्रम कारावासाची शिक्षा भोगली. संपूर्ण स्वातंत्र्याची मागणी करणारे ते पहिले नेते! 

१९०७ मध्ये मौलाना साहेबांनी एक लेख लिहिला त्याचे नाव "मिस्र मी ब्रीतानियो की पोलिसी" ज्या मुले इंग्रजांना त्यांचा खूप राग आला आणी त्यांना अटक करून जेल मध्ये पटवण्यात आले. १९२१ चे खिलाफत आंदोलनात मौलाना सहभागी झाले. १९१९ साली सर्वात पहिले "इन्कलाब जिंदाबाद" ची घोषणा आपल्या कलमाने लिहला. या घोष्णाला भगत सिंघ यांनी मशहूर केला. 

शहीद भगतसिंग, सुखदेव आणि राजगुरू जी "इन्कलाब जिंदाबाद" घोषणा देत फासावर चढले, ती "इन्कलाब जिंदाबाद" (Long Live the Revolution!) ही घोषणा पहिल्यांदा देणारे आणि लोकप्रिय करणारे मौलानाच!

१९४७ च्या भारत विभाजानला त्यांचा शेवट पर्यंत विरोध होता. त्यासाठी राजकिय विजनवास पत्करला. डॉ आंबेडकरांबरोबर त्यांचा विशेष स्नेह होता आणी घटना समितीचेही ते सदस्य होते. १३ मे १९५१ ला मौलाना हसरत मोहानी यांची अचानक मृत्यू झाली. 

राजकारणी, शिक्षणतज्ञ, कायदेतज्ज्ञ, स्वातंत्र्यसैनिक असणारे मौलाना हे महान शायर होते.

त्यांनी -

हुब्बे वतन, 
मुआशरते इस्लाही, 
कौमी एकता,
मजहबी और सियासी नजरीयात वर प्रकाश टाकले.

२०१४ मध्ये भारत सरकारने मौलाना हसरत मोहानी यांच्या सम्मानात डाक तिकीट जारी केले आहे.

कोरोना २ को कैसे रोके ?

कोरोना २ को कैसे रोके  ? 


            कोईभी बिमारीकी साथ  बिमारोकी संख्या पहले बार कम होनेके बाद जब उस बिमारिकी दुसरी लाट आती है उस वक़्त बिमारोकी संख्या पहेले से ज्यादा होनेका अंदेश रहेता है. १९१८ के दशक मे जब फ्लु महामारी दुनीयामे जोर पकडा और जब  बिमारोकी संख्या घटने लगी जनता ये समज रही थी की महामारी अब खतम हो रही है तब अचानकसे महामारी ने फिर  जोर पकडा और बिमारी  फिरसे बडने लगी और इस्की संख्या पहलेसे भी ज्यादा गतीसे बढने लगी.    

        कोविड १९ महामारी  से  पुरे दुनीया परेशान है और अब युरोपिअन देशोमे कोविड १९ फिर से अपने पैर फैला रहा है . इसे कोरोना की दुसरी लाट कहेना मुनासीफ होंगा. अब सवाल ये है की इस तऱ्ह के लाट क्यो आते है ?  

        कोईभी रोग या बिमारी  की साथ आने पर उसे काबु करने  केलीए  जनता तऱ्ह तऱ्ह की कोशीश करती है सरकार ने बताये हुए नियमो का पालन करती है. और जैसे जैसे रोग की साथ बढने लगती है नियम का पालन करनेवालो की संख्या बढने लगती है. इसके लिए हर एक व्यक्तीने जो मेहनत किया उसे भुल नही सख्ते. सरकार, पोलीस, आरोग्य से जुडे हुए डॉक्टर और कर्मचारी ,  समाजसेवक, सफाई कामगार आदी. सभीका अलग किरदार है.

       लेकीन इन्सानी फितरत ये है की वो ज्यादा दिनोतक बंदन मे नही रह सकता वो बंदन तोडने लगता है. नागरीक बताए हुए नियमोका पालन करणा कम कर देता है .उसी का कारण है की फिर मारीजोकी  संख्या बढने लागती है. बिमार लोगो कि संख्या नियमोका पालन नही करनेसे बढना शुरू होती है और फिर बिमारीकी दुसरी लाट के चपेत मे नागरिक आने लगते है.  ये लाट कभी जलद आती ही तो कभी देरीसे आती है और जनता इसके हत्ते चढ जाते है. जब तक सरकारी और खासगी दवाखाने  इस बिमारी का इलाज करनेमे सक्षम है तब तक ये हमारे काबुमे है लेकीन अगर मरीजोकी संख्या ज्यादा होगी तो ये बडी मुश्कील खडी कर देती है. सामान्य जनता की ये जिम्मेदारी है की ये बिमारी ज्यादा ना फहले. 
        
        
        जीस  देश मे थंडी का मौसम शुरू हो राहा है और वाह का तापमान बहुत कम है वहाकी जनताको अब ज्यादा समजदारी से काम लेना होंगा . अगर जरुरत नही है तो भीडवाले इलाके मे जाना टालना होंगा.     

भविष्य मे दुसरी लाट कब और किस तऱ्ह की होंगी ये बताना मुश्कील है.
  • जब तक हम सब मिलकर एक निश्चय नही करते तब तक ये मुमकिन नही.
  • जरुरत हो तो गर्दी वाले जगह पर ना जाए जितने गर्दी कम उतना धोका  कम.
  • निर्धारित नियमोका पालन करना.     
        अगर हर व्यक्तीने अपनी जिम्मेदारी समज कर खुद पर निरबंद लगाले तो कोरोना की दुसरी लाट कम दर्जे की होंगी.

        आशा करते है की  हमसब मिलकर कोरोना जैसी बिमारी का सामना करेंगे.    


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खासदार इम्तियाज जलील यांच्यातर्फे मोफत पोलीस भरतीपुर्व प्रशिक्षण

खासदार इम्तियाज जलील यांच्यातर्फे मोफत पोलीस भरतीपुर्व प्रशिक्षण


औरंगाबाद : महाराष्ट्र पोलीस दलात मेगाभरती होणार असल्याने औरंगाबाद जिल्ह्यातील जास्तीत जास्त गरीब, होतकरु व कष्टकऱ्यांच्या कुटुंबातील मुले व मुलींची भरती व्हावी यासाठी खासदार सय्यद इम्तियाज जलील यांनी इच्छुक उमेदवारांना पोलीस दलात भरती होण्यासाठी पोलीस भरतीपुर्व प्रशिक्षण तज्ञांमार्फत मोफत देण्यात येणार असल्याचे घोषित केले आहे.

          सध्या कोरोनाच्या पाश्र्वभूमीवर पोलिसांचे संख्याबळ पुरेसं नाही, तसेच राज्यात कायदा आणि सुव्यवस्था राखत असतांना उपलब्ध असलेल्या पोलिसांवर ताण येत आहे या पाश्र्वभुमीवर राज्य सरकारने पोलिस भरतीबाबत निर्णय घेतला. सन २०२०-२०२१ यावर्षाकरिता १२ हजार ५३८ पदे भरण्यात येणार असल्याने शहरी व ग्रामीण भागातील अनेक युवकांना पोलिस दलात सहभागी होता येणार आहे.

          पोलीस भरती दरम्यान अनेक इच्छुक उमेदवार शासनस्तरावर अर्ज सादर करतात परंतु योग्य ते मार्गदर्शन व प्रशिक्षण नसल्याने तसेच मैदानी चाचण्यांचे सराव नसल्याने शारीरिक पात्रता असतांना सुध्दा उमेदवार निवडी पासुन वंचित राहतात. त्यामुळे उमदेवारांना जणु त्यांचे संपुर्ण आयुष्य उध्द्वस्त झाल्याचे जाणवते. पोलीस भरती दरम्यान उमेदवारांची अडचण लक्षात घेता पोलीस भरतीपुर्व उमेदवारांना मोफत मैदानी शारिरीक चाचण्यांचे प्रशिक्षण, सामान्य ज्ञान व इतर लेखी परिक्षेचे अभ्यासक्रम पुर्ण करुन सराव परिक्षा घेण्यात येणार असल्याची माहिती खासदार इम्तियाज जलील यांनी दिली.  

          औरंगाबाद जिल्ह्यातील अधिकाधिक गरीब, होतकरु उमेदवारांची पोलीस दलात निवड होण्याच्या दृष्टीने कोरोनाच्या परिस्थितीत राज्य शासनाच्या नियमानुसार सामान्य ज्ञान आणि शारीरिक चाचण्यांचे प्रशिक्षण देण्यात येणार आहे. त्यामध्ये मराठी, गणित, बुध्दिमत्ता, सामान्य अध्ययन व चालू घडामोडी तसेच मैदानी सरावामध्ये धावणे (१०० व १६०० मी.), गोळाफेक व इतर चाचण्याचे प्रशिक्षण देण्यात येणार आहे. निवडलेल्या उमेदवारांना एकूण दोन महिने दररोज चार तासांचे वर्ग व मैदानी प्रशिक्षण देण्यात येणार असल्याने जास्तीत जास्त इच्छुक उमदेवारांनी त्याचा लाभ घ्यावा असे आवाहन खासदार इम्तियाज जलील यांनी केले आहे.  

पोलीस दलातील उच्च अधिकारी मार्गदर्शन करणार

          पोलीस भरतीपुर्व प्रशिक्षणा दरम्यान पोलीस दलातील उच्च अधिकारी उमदेवारांना मैदानी शारिरीक चाचण्यांचे प्रशिक्षण, सामान्य ज्ञान व इतर लेखी परिक्षेचे अभ्यासक्रम पुर्ण कसा करावा याबाबत योग्य ते मार्गदर्शन करणार आहे. तसेच मैदानी चाचण्या व लेखी परिक्षेत जास्तीत जास्त गुणांनी उत्तीर्ण होण्याकरिता सरावादरम्यान अनेक टिप्स सुध्दा देणार आहे.  

पोलीस भरतीपुर्व प्रशिक्षण करिता निवड प्रक्रिया

          पोलीस भरतीपुर्व प्रशिक्षण घेण्याकरिता नोंदणी केलेल्या इच्छुक उमेदवारांची निवड करण्यासाठी लेखी परिक्षा घेण्यात येणार आहे. तद्नंतर परिक्षा उत्तीर्ण झालेल्या उमेदवारांना तज्ञ प्रशिक्षकाकडून प्रशिक्षण देण्यात येणार असल्याची माहिती खासदार इम्तियाज जलील यांनी दिली आहे. लेखी परिक्षेसाठी नोंदणी करण्या करिता उमेदवारांना पुढील कागदपत्रे, अटी व शर्तीची पुर्तता करावी लागणार आहे. त्यामध्ये प्रशिक्षणार्थी उमदेवार शारिरीकदृष्ट्या निरोगी व सक्षम असावा, उमेदवार हा १८ ते २८ वयोगटातील असावा, पोलीस भरतीची शारीरिक पात्रता असणे आवश्यक म्हणजे उमेदवारांची उंची पुरुष १६५ से.मी. व महिला १५५ से.मी., छाती पुरुष ७९ से.मी. फुगवून ५ से.मी. वाढवावी, उमेदवार इयत्ता १२ वी उत्तीर्ण असावा.

पोलीस भरतीपुर्व प्रशिक्षण करिता नोंदणी प्रक्रिया

    पोलीस भरतीपुर्व प्रशिक्षणकरिता उमेदवारांनी नोंदणीसाठी येतांना सोबत पासपोर्ट सोईज फोटो, शैक्षणिक अर्हता गुणपत्रक, आधार कार्ड इ. कागदपत्रांच्या छायांकित प्रती अर्जासोबत आणणे आवश्यक राहील. दिनांक 4 ते 6 नोव्हेंबर 2020 रोजी, सकाळी 11.00 ते 3.00 वाजेदरम्यान दुआ बँक, खासदार कार्यालय, दिल्ली गेट जवळ, औरंगाबाद येथे नोंदणी करावी असे आवाहन खासदार सय्यद इम्तियाज जलील यांनी केले आहे.

         अधिक माहितीसाठी शेख अझहर बाबर – 9823941123, शंकर महाबले – 9158590009, सय्यद मझहर – 9021249339, प्रित संगले, सय्यद फैसल, अशरफ पठाण, कृतिकेष आडे, सय्यद रेहानोद्दीन, यशश्री देशमुख, प्रणिता चींचोलीकर, मोहम्मद साबेर यांच्याशी संपर्क साधन्याचे आव्हान करण्यात आले.

प्रेषित पैगंबर मोहम्मद सर्वांसाठी पुस्तक प्रदर्शन संपन्न

प्रेषित पैगंबर मोहम्मद सर्वांसाठी पुस्तक प्रदर्शन संपन्न



अहमदनगर- प्रेषित मोहम्मद पैगंबर यांच्या जन्मदिनानिमित्त त्यांच्या जीवनावर आधारित पुस्तक प्रदर्शन धरती चौक अहमदनगर येथे भरविणयात आले होते. याप्रसंगी लोकांचा मोठा प्रतिसाद मिळाला.

प्रेषित मोहम्मद पैगंबर यांनी संपूर्ण मानव जातीसाठी जी शिकवण दिली आणि संपूर्ण मानव जातीला अंधारातून उजेडाकडे आणले ते केवळ मुसलमानांचे नसून ते समस्त विश्वाला प्रदान करण्यात आलेले साक्षात करुणा सागर आहेत. त्यांचा संदेश सर्वान पर्यंत पोहोचावे हेच उद्देश या पुस्तक प्रदर्शन मागे होता.व तो हेतु काही प्रमाणात सफल झाला. पुस्तक प्रेमींनी भरपुर पुस्तके खरेदी केली. 

याप्रसंगी अनेक पुस्तके भेटही देण्यात आली. अहमदनगरचे ज्येष्ठ नगरसेवक बाळासाहेब बोराटे यांनी पुस्तक प्रदर्शनास शुभेच्छा दिल्या.मराठा सेवा संघाचे महानगर अध्यक्ष अभिजीत वाघ यांनीही भेट दिली.आजच्या काळात या पुस्तकांची फार गरज आहे असे यावेळी उद्देशून सांगितले.

या पुस्तक प्रदर्शनाच्या यशस्वी साठी फिरोज शेख, अलतमश जरीवाला, अयूब खान,मकबूल सर, यूनुस शेख, इमरानबागवान,आदिनी परिश्रम घेतले.

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फ्रांस विरोधात पैठण तहसीलदारांना निवेदन

फ्रांस विरोधात पैठण तहसीलदारांना निवेदन


पैठण - पैठण येथे विविध धार्मिक , सामाजिक , तसेच राजकीय संघटना मार्फत फ्रांस मध्ये इस्लाम धर्माचे अंतिम प्रेषित मुहम्मद ( स . ) यांच्या बद्दल केलेल्या आपत्तीजनक टिप्पणी व तेथील सरकारने केलेल्या त्यांच्या त्याचे समर्थन या विरोधात निषेध दर्शविणारे निवेदन मा . राष्ट्रपती महोदय यांना मा . तहसीलदार साहेब चंद्रकांत शेळके , पैठण यांच्या मार्फत देण्यात आले . दया आणि करुणेचे सागर प्रेषित मुहम्मद ( स . ) यांच्या बद्दल जाणीव पूर्वक आपत्तीजनक साहित्य प्रसिद्ध करून समस्त जगातील मुस्लिमांचे भावना दुखावण्याचे काम फ्रांस सरकार करीत आहे . दोषींवर कार्यवाही करनेसोडून फ्रान्सचे अध्यक्ष त्यांची पाठराखण करीर आहे . हे अत्यंत खेदजनक असून याबाबत फ्रांसच्या अध्यक्षांनी त्वरित समस्त मुस्लीम समाजाची माफी मागावी व सदरील घटनेमागील दोषीवर कार्यवाही करावी तसेच भारत सरकारनेही फ्रांसला याबाबत ताकीद करावी, तसेच फ्रांस सोबतचे सर्व संबंध तोडून भारतातील त्यांची वकिलाती बंद करावी व इतर योग्य कार्यवाही करावी असे निवेदन पैठण येथील जमियत उल्मा ए हिंद , जमात ए इस्लामी हिंद , राहे- लील्लाह फौंडेशन , बहुजन मुक्ती मोर्चा , बामसेफ अश्या विविध संघटना कडून देण्यात आला . यावेळी शहरे काजी - काजी फजलुल्ला , हनीफ कट्यारे , नगरसेवक हसनोद्दिन कठ्यारे , अॅड. शेख इम्रान, अंजार कादरी , काजी कलीमुल्ला , मौ . मुफ्ती रज्जाक , रफीक कादरी , अजीम कठ्यारे , मौ . सिराज , हमीद सर , मोतीलाल घुन्गासे , गव्हाणे सर , नंदकिशोर मगरे , इस्माईल नगरकर , मौ.मन्सूर , मौ.अकबर , मौ . अन्सारी आदी . उपस्थित होते.


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एम आय एम नाशिक तर्फे निषेध

 एम आय एम नाशिक तर्फे निषेध 


नाशिक - 
पैगंबर मोहम्मद ची बदनामी आणी अपशब्द वापरणारे फ्रांस राष्ट्रपतीनचा ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लीम नाशिक तर्फे निषेध व्यक्त करण्यात आले. निवेदनाचे पत्र नाशिक जिल्हा अधिकारी साहेबांना देण्यात आले. त्याच बरोबर फ्रांसची कोणतीही वस्तु विकत न घेण्याचा आव्हान करण्यात आले. यावेळी एम आय एम चे रमजान पठाण, मुक्तार शेख, मोसिन शाह,अकीब भाई आदी. उपस्तीती होते.

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मोहम्मद पैगंबरांची बाजार व्यवस्था - फिरोज शेख

मोहम्मद पैगंबरांची बाजार व्यवस्था 


अलाउद्दीन खिलजीच्या काळात जियाउद्दीन बरनी हा बाजार आणि अर्थकारणाचा अभ्यासक होता. त्याने बाजार व्यवस्थापनाचे अनेक नियम सांगितले आहेत. त्याने मांडलेल्या ‘दारुल अदल’ या महागाई, साठेबाजारी रोखणाऱ्या बाजारपेठेच्या संकल्पनेला त्याकाळी खूप यश आले. बरनीने बाजार आणि अर्थव्यवस्थेविषयीची आपली मते इस्लामी अर्थशास्त्रावर आधारीत असल्याचे म्हटले आहे. इस्लामी तत्वज्ञानामुळेच या नव्या संकल्पनेने जन्म घेतल्याची पुष्टीही त्याने आपल्या लिखाणाला जोडली आहे. प्रेषित मदिनेत असताना त्यांनी ‘दारुल अदल’ सारख्या आर्थिक शोषण नाकारणाऱ्या बाजाराची स्थापना केली होती. हे बाजार मसजिद ए नबवीच्या शेजारी होते. या बाजाराविषयी प्रेषितांनी त्यावेळी भूमिका मांडताना म्हटले होते, ‘हे तुमचे स्वतःचे बाजार आहे. इथे कुणीच तुमच्याशी जबरदस्ती अथवा फसवणूक करणार नाही. कुणीच तुमच्याकडून जुलमी करदेखील घेणार नाही.’ या बाजाराच्या आधारे प्रेषितांनी व्यापाऱ्यांच्या मनमानीला लगाम लावला होता.      

इब्ने खल्दून हा इस्लामप्रणित प्रगत अर्थशास्त्राचा व्याख्याता मानला जातो. त्याच्या मते, ‘बाजारातील शोषण संपवून इस्लामने सामान्यांच्या जगण्याला आधार दिला. बाजारात श्रमाचे मुल्य, वस्तूंचे मुल्य आणि नफ्याविषयी इस्लामने मांडलेला सिध्दांत शोषणव्यवस्थेला संपवणारा ठरला. इस्लाम हा नव्या जगातील माणसांसाठी माणूसकीचा संदेश घेऊन आला होता. कारण त्याने जीवनासाठी गरजेच्या वस्तू उपलब्ध करुन देणारी बाजारपेठ त्याच्यासाठी सुकर केली होती.’ इस्लामने मांडलेला श्रममुल्याचा सिध्दांत हा बाजारातील मुजोर व्यापारी आणि उत्पादन करणाऱ्या धनदांडग्यांना उघड आव्हान होते. श्रमिकांना सन्मान देण्यासाठी इस्लामने सक्तीची धर्मकर्तव्ये म्हणून काही नियम केले. नफा ठरवणारी अनियंत्रीत व्यवस्था मोडीत काढण्यासाठी इस्लामने नफ्याचे प्रमाण ठरवून दिले.


प्रेषित मोहम्मद (स.) यांनी मक्का शहराच्या समाजजीवनात इस्लामच्या स्थापनेआधी केलेला पहिला हस्तक्षेप हा बाजारातील शोषणाविरोधात होता. प्रेषितत्वापुर्वी मोहम्मद (स.) यांनी ‘हल्फूल फुदूल’ हा करार मक्का शहराच्या बाजारात न्यायाच्या प्रस्थापनेसाठी घडवून आणला होता. बाजारातील अर्थकारण, व्यवस्था, व्यवहार हा प्रेषितांच्या जिव्हाळ्याचा विषय होता. प्रेषितांनी केलेल्या बाजाराच्या व्यवस्थापनाविषयी डॉ. यासीन मजहर सिद्दीकी लिहीतात, ‘बाजाराचे व्यवस्थापन हे शासनव्यवस्थेचा प्रमुख म्हणून इस्लामी राज्याच्या प्रमुखाचे कर्तव्य होते. प्रेषित वचनसंग्रहातून हे सिध्द होते की, प्रेषित स्वतः बाजारांचा दौरा करायचे. व्यापऱ्यांच्या वर्तनाचे निरिक्षण करीत. वस्तूंच्या दरातील चढ-उतार, श्रमिकांची स्थिती वगैरेंची माहिती घेत. ‘तिरमिजी’ या प्रेषित वचनसंग्रहात एक प्रसंग नोंदवला आहे. प्रेषित एकदा बाजारातून जात होते. त्यांनी एकेठिकाणी विक्रीसाठी आणलेल्या गव्हाचे ढिग पाहिले. प्रेषितांनी त्या ढिगाऱ्यात हात घातला. गव्हू ओलसर असल्याची त्यांना जाणीव झाली. प्रेषितांनी त्या व्यापाऱ्याकडे नाराजी व्यक्त केली. आणि ग्राहकांशी धोकेबाजी करण्यास मनाई केली.’

प्रेषितांनी बाजारात दलाली आणि दरांमधील कृत्रीम चढउतार रोखण्यासाठी प्रयत्न केले. बाजारात एकाच ठिकाणी उत्पादक व व्यापाऱ्यांना खरेदी-विक्री करण्यास मनाई केली होती. खरेदीची ठिकाणे व विक्रीची ठिकाणे अलग करण्यात आली होती. व्यापाऱ्यांवर नियंत्रण ठेवण्यासाठी, त्यांच्या धोकेबाजी, मनमानीला लगाम घालण्यासाठी हा निर्णय घेतल्याचे काही इस्लामी विद्वानांचे मत आहे. याकरीता प्रेषितांनी बाजाराचा प्रमुख म्हणून आधिकाऱ्यांची नियुक्ती केली होती. 

मक्काविजयानंतर तत्काळ प्रेषितांनी बनु उमैय्या वंशाच्या सईदी घराण्यातील सआबद बिन सईद यांना मक्का शहराच्या बाजारात आधिकारी म्हणून नियुक्त केले होते. मक्का शहराचे अर्थकारण, बाजारपेठेवरील नियंत्रणासाठी ही नियुक्ती अत्यंत महत्वाची होती. याप्रमाणेच हजरत उमर यांना मदिनेच्या बाजाराचा प्रमुख म्हणून नियुक्त केले होते. त्याकाळात व्यापारी मदिनेच्या बाजाराला अतिशय महत्व देत.


मदिनेची बाजारपेठ त्याकाळात अनियंत्रीत होत चालली होती. देश-विदेशातील व्यापारी तेथे व्यापारास येत होते. त्यामूळे मदिनेच्या बाजारावरील उमर यांची नियुक्ती महत्वाची मानली जाते. ज्या बाजारात प्रमुखाची नियुक्ती केलेली नव्हती, त्याचे व्यवस्थापन त्या प्रदेशाच्या प्रमुखाकडे दिले होते.

बाजारात सट्टेबाजारीवर प्रतिबंध घालण्यात आले होते. मदिनेच्या बाजाराची सुरुवात करताना प्रेषितांनी याविषयी भूमिका स्पष्ट केली होती. त्यांनी म्हटले होते, ‘आमच्या या बाजारात कुणी साठेबाजारी करु नये. असे करणाऱ्याला तीच शिक्षा दिली जाईल जी अल्लाहच्या संदेशात प्रक्षेप करणाराला दिली जाते.’ बाजारातल्या तोलन-मापनातली अनियमितता दुर केली होती. कुरआननेच याविषयी स्पष्ट आदेश दिला आहे. सुरह अल्‌ मुतअफीन मध्ये काटा मारणाऱ्या आणि वस्तूंचे वजन कमी तोलणाऱ्यांची निंदा करण्यात आली आहे. याविषयी कुरआनमध्ये अनेक नियम सांगितले आहेत.


फिरोज शेख

७९७२२०४७८२ 

अहमदनगर महाराष्ट्र

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महानतम हजरत मुहम्मद (स.) पैगंबरांचे आदर्श जीवन....

प्रेषित पैगंबर मोहम्मद (स.) सर्वांसाठी...

भोकर गाव अध्यक्ष पदी अजीज शेख तर उपाध्यक्ष पदी संदीप अमोलिक - AIMIM

 भोकर गाव अध्यक्ष पदी अजीज शेख तर उपाध्यक्ष पदी संदीप अमोलिक


श्रीरामपूर -

नुकतेच भोकर तालुका श्रीरामपूर येथी एम आय एम जिल्हा अध्यक्ष डॉ परवेज अशरफी यांच्या आदेशाने आणि जिल्हा उपाध्यक्ष मणियार तॏसीफ यांच्या मार्गर्शनाखाली बैठक झाली. बैठकीत विविध प्रश्नांवर चर्चा करण्यात आली. श्रीरामपूर तालुक्यात पक्षा बरोबर लोक जुडत आहे. पक्षाला मानणारा वर्ग पूर्ण देशात ज्या प्रमाणे वाडत आहे त्याच प्रमाणे श्रीरामपूर तालुकयातही पक्ष वाडत आहे. बोकर येथे बैठक घेण्याचा उद्देश म्हणजे बोकार गावात एम आय एम पदाधिकारी नेमणे. बैठकीत एक मतांनी अजीज शेख यांच्या नावाला पसंददी दिली. एम आय एम तालुका अध्यक्ष शकील शेख यांच्या हस्ते बोकार अध्यक्ष अजीज शेख तर उपाध्यक्ष संदीप आमोलिक यांना नियुक्तीचे पत्र देण्यात आले. यावेळी श्रीरामपूर तालुका अध्यक्ष शकील शेख, तालुका उपाध्यक्ष युनूस शेख, श्रीरामपूर शहर अध्यक्ष युनूस शेख, उपाध्यक्ष अमोल रुपटके, संघटक किरण बोधक आदी. उपस्थित होते. शेख आणि अमोलिक यांचा सर्वांनी अभिनंदन केले. 



रफिक मुंशी आणि सहेबान जहागीरदार यांचे सत्कार

कोरोना काळात सामान्य जनतेला मदत हेच महत्त्वाचे- रियाज सय्यद



अहमदनगर- कोरोणा काळात जनतेला मदत खूप गरजेची होती रुग्णालयातील असो की कोणी किरोना मुळे दगावले. जनतेला समजेना असे झाले त्याकाळात दगावलेल्या व्यक्तीचा अंतिम विधी करण्यासाठी साहेबान जहागीरदार आणि त्यांचे सहकारी समोर आले. साहेबान जहागीरदार यांना रुग्णालयातून फोन आले की ते आणि त्यांचे सहकारी पुढील काम सुरू करीत. कोरोना मुळे मृत्यू झालेले लोकांना त्यांचे त्यांचे धर्मानुसार अंतीम विधी केले.

त्याच बरोबर अहमदनगर शहरातील रुग्णालय सामान्य जनतेसाठी खुले करून कोरोना रुग्णाला दिलासा देण्याचे काम कर्मयोगी प्रतिष्ठान च्या माध्यमातून माजी समाज कल्याण अधिकारी रफीक मुनशी आणि त्यांचे सहकारी ने मदत केली.

 या वेळी ऍड फारुक  साहेब, शफी जहागीर, अनिस भाई, डॉ.रिजवान, डॉ.इम्रान, डॉ. परवेज,नगर सेवक आसिफ सुलतान, सय्यद शानु भाई, फायज भाई केबल वाले नफिस भाई चुडीवाले आदी मान्यवरांच्या उपस्थितीत कार्यक्रम झाला* .

अंजुम इनामदार - एक सामान्य चहेरा

अंजुम इनामदार यांना उमेदवारी देऊन मुस्लिम समजलं न्याय द्यावा - जमीर मोमीन


पुणे - गेल्या वीस वर्षापासून सतत #महाराष्ट्रात ओळखला जाणारा मुस्लिम समाजाचा बहुजन चेहरा ज्यांनी समाजाच्या विविध प्रश्नांवर सर्व समाज बांधवांना सोबत घेऊन काम केले.अनेक आंदोलन उभे केले मुस्लिम आरक्षण,धनगर आरक्षण,मराठा आरक्षणासाठी सतत प्रयत्न केले. व अनेक आंदोलनात मोठ्या प्रमाणात मुस्लिम समाजाला सामिल करून घेतले. त्यांच्या कामाची संपुर्ण माहिती  गुगलवर सर्च केल्याने दिसून येते.

यापूर्वी एकही मुस्लिम कार्यकर्त्याला काँग्रेस पक्षाने संधी दिली नाही. अंजुम इनामदार सारख्या सामान्य कार्यकर्त्याला काँग्रेस पक्षाने न्याय देणे गरजेचे आहे.

सध्या अंजुम_इनामदार यांच्या माध्यमातून #कोरोना_बाधित व्यक्तींवर #अंत्यसंस्कार करण्याचे काम सुरू आहे.त्यांनी कधीच भेदभाव न करता सर्व समाजाला सोबत घेण्याचे काम केले व निस्वार्थपणे गेल्या अनेक वर्षांपासून सतत काम करीत आहे.

आम्ही सर्व समाज बांधव काँग्रेस पक्षाच्या सर्व वरिष्ठ नेत्यांना विनंती करतो की उत्तम संघटक, साफ चेहरा सर्व समाज बांधवांना सोबत घेऊन जाणारा #अंजुम_इनामदार यांना पुण्यातून उमेदवारी दिल्यास नक्कीच त्याचा फायदा पश्चिम महाराष्ट्रात काँग्रेस पक्षाला झाल्याशिवाय राहणार नाही.

 सदर मागणी काँग्रेस पक्षातील सर्व वरिष्ठांनी गांभीर्याने दखल घेणे गरजेचे आहे असे जमीर मोमीन यांनी सांगितले.

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2733854893529689&id=100007156157781

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पुण्यातील कोरोणाने मृत्यु झालेले नागरिकांची अंतिम विधी करणारे अंजुम इनामदार यांचे अहमदनगर मध्ये सत्कार....


संविधान लिहिल्या नंतर डॉ आंबेडकरांच्या डोळ्यात आले अश्रु- Indian Constitution

संविधान म्हणजे भारताचा आत्मा 



विश्वरत्न डाॅ बाबासाहेब आंबेडकर यांनी भारताचे संविधान 395 कलमाचे का लिहले ??  394 किंवा 396 कलमाचे का लिहले नाहीत? तर त्याला कारण महात्मा फुले हे गुरू कारणीभूत आहेत ते कसे ?? तर महात्मा फुले यांनी बहुजन समाजाला शिक्षण ज्या पुण्यातील भिडे वाडयातून दिले ; शाळा चालू केले ; त्या शाळेचा क्रमांक 395 होता ; त्याची व आपल्या गुरूविषयी कृतज्ञता म्हणून संविधान 395 कलमाचे लिहले


संविधानाच्या या मसूदा समितीवर सात लोकांची निवड करण्यात आली होती त्यापैकी दोघांनी राजीनामा दिला ,एकाचा मृत्यू झाला,एक विदेशात गेला , एकाची तब्येत ठीक नव्हती,एक राजकारणात अडकला. त्यामुळे मसुदा समिती अध्यक्ष या म्हणून संविधान लिहण्याची सर्वस्वी जबाबदारी बाबासाहेब आंबेडकर यांच्यावर येवून पडलीय व ती त्यांनी समर्थपणे एकट्यानेच पार पाडली म्हणून डॉ बाबासाहेब आंबेडकर हे "संविधानाचे शिल्पकार" आहेत.


संविधानाची सुरूवात कशी करावी ? यावरून वाद चालू होता. त्यात मौलाना हसरत मोहानी म्हणून लागले की संविधान "अल्लाहच्या "नावाने सुरू करावे. पंडीत मालवीय म्हणाले की; "ओम नम शिवाय" यां नावाने सुरू करा एच :पी :कामत म्हणाले की -"ईश्वर "नावाने सुरू करा. मग शेवटी बाबासाहेब आंबेडकर म्हणाले " लोक" नावाने सुरू करा. यावर मतदान झाले  आणि डॉ बाबासाहेब आंबेडकर यांना ६८ मते पडली तर देवाच्या नावाने ४१ मते पडलीय. संविधानाची सुरुवात "आम्ही भारताचे लोक " या नावाने झाली .


संविधानाचा कच्चा मसूदा डॉ बाबासाहेब आंबेडकर घरी लिहत बसले होते. त्या वेळी बॅ: पंजाबराव देशमुख हे बाबासाहेब आंबेडकर यांच्या घरी आले. यावेळी बाबासाहेब आंबेडकर यांनी त्यांचे स्वागत केले.तसेच संविधानाचा लिहत असलेला कच्चा मसूदा बॅ: पंजाबराव देशमुख यांना दाखवून म्हणाले ; "की दादा यावर थोडी नजर मारा व काही सूचना असतील तर सूचवा " मी थोडयावेळात येतो" असे म्हणून बाबासाहेब बाहेर गेले. परत आले तर बॅ देशमुख यांच्या डोळ्यात अश्रू पाहून डॉ बाबासाहेब म्हणतात की दादा तुम्ही का रडताय ? यावर देशमुख यांनी सांगितले की बाबासाहेब " माझ्या मराठा कुणबी समाजाच्या आरक्षणाची तरतूद करा " हे सांगण्यासाठी बाबासाहेब मी तुमच्याकडे आलो होतो. पण तुम्ही किती महान आहात की मी येण्याच्या अगोदरच तुम्ही तो मसूदा तयार करून ठेवलाय ; यामुळे मला आनंदाश्रू आवरत नाहीत.


महात्मा फुले यांनी असे भाकित केले होते की ज्या वेळी बहुजन समाज मनुवादी धर्मग्रंथ वाचेल त्यादिवशी तो जाळल्याशिवाय राहणार नाही. पहा बाबासाहेबानी मनुस्मृती नावाचा विकृत ग्रंथ जाहीरपणे जाळला व फुलेचा विश्वास खरा केला व फुले यांनी म्हटले होते की दुसरा राजग्रंथ निर्माण करेल मग तो राजग्रंथ डॉ बाबासाहेब आंबेडकर यांनी संविधान लिहून पूर्ण केला.

अमेरिकेतील कोलंबिया विदयापीठाने एक अहवाल तयार केला की त्या कालेजमधे शिकुन गेलेल्या 200 वर्षाच्या इतिहासात जगात सर्वात विदवान कोण ? त्यांनी जाहीर केले होते की जगात डाॅ :बाबासाहेब आंबेडकर हे विश्वरत्न विद्वान आहेत. 

कोलंबिया विद्यापीठाच्या मैदानात बाबासाहेब आंबेडकर यांचा ब्रांझ धातूचा पुतळा बनविला आहे व त्यात खाली लिहले होते की "SYMBOL OF KNOWLEDGE "

तेथील कुलगूरूच्या कार्यालयात डॉ बाबासाहेब आंबेडकर यांचा फोटो आहे व खाली लिहिले आहे की "आम्हाला गर्व आहे की आमच्या काॅलेजमधे शिकून गेलेला आमचा विद्यार्थी एका देशाचा संविधान शिल्पकार ठरला "

नेल्सन मंडेला म्हणतात की भारताकडून घेण्यासारखा एकच गोष्ट ती म्हणजे डॉ आंबेडकर यांनी लिहलेले संविधान.संविधान लिहून पूर्ण झाल्यानंतर एका पत्रकार परिषदेत प्रश्न विचारला की डाॅ बाबासाहेब आंबेडकर तुम्हाला संविधान लिहताना काही अडचण येत होती का ? यावर बाबासाहेब आंबेडकर यांनी लगेच उत्तर दिले, की माझ्या डोळ्यासमोर छत्रपती शिवाजी महाराज यांचे स्वराज्य उभे होते म्हणून मला अडचण आली नाही "

डॉ बाबासाहेब म्हणाले की संविधान कितीही चांगलेच असूद्या पण राबवणारे हात वाईट असेल तर ते संविधान कुचकामी ठरते. म्हणून बाबासाहेब आंबेडकर यांच्या हताश मनाचा मानबिंदू म्हणजे संविधान.

संविधान लिहून झाल्यावर डॉ बाबासाहेब आंबेडकर यांच्या डोळ्यात अश्रू आले त्या वेळी तेथील पत्रकाराने विचारले की बाबासाहेब तुम्ही मनासारखे संविधान लिहून तुम्ही नाराज का आहात ? यावर डॉ बाबासाहेब आंबेडकर त्या पत्रकाराला उत्तर देताना सांगितले की ;" मी बहुजनाच्या कल्याणाचा जाहीरनामा लागू करण्यासाठी ज्यांच्या हातात देत आहे ते लोक माझे बहुजन नाहीत " मला यांच्यावर विश्वास बसत नाही की ते संविधान जशाच्या तसे लागू करतील.

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खासगीकरण का? .....

बहुजन मुक्ती पार्टी महिला आघाडीच्या वतीने धरणे आंदोलन- BMP

मागण्या मान्य नाही केल्यातर जेलभारो - महिला आघाडी

अहमदनगर- आज दिनांक ३१.१०.२०२० रोजी अहमदनगर या ठिकाणी बहुजन मुक्ती पार्टी महिला युवा आघाडीच्या वतीने एक दिवसीय धरणे आंदोलन करण्यात आले सरकारने महिला बचत गटांच्या संदर्भात जर भूमिका नाही घेतली तर आंदोलन मोठ्या प्रमाणामध्ये वाढवलं जाणार आहे तर याची सरकारने दक्षता घेणे खूप गरजेचे आहे जर सरकारने याची दक्षता घेतले नाही तर येत्या काळामध्ये या संपूर्ण राज्यभर बहुजन मुक्ती पार्टी महिला आघाडीच्या वतीने आंदोलने केली जाणार आहे अशी माहिती महिला आघाडीच्या वतीने देण्यात आली व अहमदनगर या ठिकाणी प्रशासनाकडून संविधानिक अधिकार असतानासुद्धा आंदोलन करू दिले नाही त्याचं कारण काय समजायचे कारण आज वेगवेगळ्या गावांमध्ये बचत गटाच्या त्रासाला कंटाळून महिला आत्महत्या करत आहेत व सरकार फक्त बघ्याची भूमिका घेत आहे जर सरकारने कर्ज माफ केलं नाही तर येत्या काळामध्ये महिला रस्ता रोको जेलभरो असे विविध प्रकारचे आंदोलन केल्याशिवाय राहणार नाही अशी माहिती बहुजन मुक्ती पार्टी महिला आघाडीच्या संयोजक ममता शेलार व कविता मांडे यांनी दिली.


https://janmatanchaprahar.blogspot.com/2020/10/indian-constitution.html


सांगली जिल्ह्यातील मागासवर्गीय संस्था शोधून दाखवा

  सांगली जिल्ह्यातील मागासवर्गीय संस्था शोधून दाखवा            अनुसूचित जाती जमाती. इतर मागासवर्गीय जाती जमाती. भटक्या विमुक्त...

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