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अर्णब गोस्वामी की याचीका पर इतने जल्द सूनवाई क्यो? Arnab Goswami

सुनवाई की इतनी जल्द क्यो?



वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट से अरनब गोस्वामी के मामले की जल्द सुनवाई की आलोचना की है।उन्होंने इसे प्रशासनिक ताक़त का गलत इस्तेमाल बताया है।उन्होंने कहा कि अर्नब की पिटीशन कुछ ही घण्टो में listed हो गयी।क्या वह एक super citizen है? । ज्ञातव्य हो कि अर्नब की याचिका मंगलवार को दायर हुई और बुधवार को को तत्काल इस पर सुनवाई हो गयी।जबकि कोर्ट दीवाली की छुट्टी के लिए बन्द है।बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ दुष्यंत दवे ने इस #सेलेक्टिव लिस्टिंग की आलोचना की है और कहा है कि अदालत के सामने सुनवाई के लिए और भी मामले हैं लेकिन इस मामले को प्राथमिकता दी गयी। । दुष्यंत दवे ने ऐसे अनेक मामलों का ज़िक्र किया जीनमे लंबे समय से हिरासत में रखे जाने के बाद भी या तो सुनवाई की तारीख नही मिली या बहुत विलंब किया गया । प्रशांत भूषण ने कहा कि जब CAA ,हैबियस कॉर्पस ,इलेक्टोरल बांड जैसे मामले कई महीनों तक सूचीबद्ध नही होते ,तो अर्नब गोस्वामी की याचिका कुछ ही घण्टो में सूचीबद्ध कैसे हो जाती है! क्या अर्नब सुपर सिटीजन है? . दुष्यंत दवे ने कहा कि ज़मानत और सुनवाई का हक़ सबको है ।उन्होंने कहा, "ये अदालत की गरिमा का सवाल है, किसी भी नागरिक को ये नहीं लगना चाहिए कि वो दूसरे दर्जे का है, सभी को ज़मानत और जल्द सुनवाई का हक़ होना चाहिए, सिर्फ़ कुछ हाई प्रोफाइल मामलों और व़कीलों को नहीं." दुष्यंत दवे ने यह भी कहा, "ज़मानत और सुनवाई का हक़ ऐसे सैंकड़ों लोगों को नहीं दिया जा रहा, जो सत्ता के क़रीब नहीं हैं, ग़रीब हैं, कम रसूख़वाले हैं या जो अलग-अलग आंदोलनों के ज़रिए लोगों की आवाज़ उठा रहे हैं, चाहे ये उनके लिए ज़िंदगी और मौत का सवाल हो." । कुछ भी हो ,अर्नब मामले में साहसी तबका सवाल उठा रहा है और इन सवालों का जवाब #देश_पूछ्ता_है 
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 Mohammad Arif Dagia 

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अर्णब गोस्वामी का नाम सूसाईड नोटमे रहने के बावजुद क्यो नही किया था गिरफ्तार...- ARNAB GOSWAMI ARREST

नाम रहने के बावजुद क्यो नही किया गिरफ्तार ?

 

मुंबई - अन्वय नाईक सुसाईड नोट मे  तीन व्यक्ती के नाम का उल्लेख है. मे २०१८ से अभी तक इन तीनो पर कोई कारवाही नही हुई. महाराष्ट्र पोलीस ने आज कारवाही करने के बाद नाईक के परिवार ने आभार व्यक्तकर सलाम किया. एक पत्रकार परिषद मे नाईक के परिवार ने आपनी भावना व्यक्त करते हुए कहा  इंटिरियर डिझायनर नाईक इनके आत्महत्या के मामलेमे रिपब्लिक टीव्ही चेनल के संपादक अर्णव गोस्वामी को हिरासत मे  लिया है.

        परिवार वालो ने पत्रकार परिषद लेकर कहा की मेरे पिताजी और मेरी दादीने ५ मी २०१८ को आत्महत्या की और पिताजीने सुसाईड नोट मे जीन तीन व्यक्ती का जिक्र किया उन्मेसे अर्णव गोस्वामी एक है. इतने दिनोसे हम कारवाही की मांग कर रहे थे  लेकीन इतने दिनो तक कारवाही क्यो नही हुई. सुशांत राजपूत मामले मे गोस्वामी कोई सुसाईड नोट नही रहेने के बावजुद आवाज उठाई लेकीन मेरे पिताजी के नोट मे नाम रहेने के बाद भी ये मामला इतने दिनो तक दबाए रहा .ऐसा आरोप नाईक इनकी बेटी आज्ञा नाईक ने किया. नाईक की पत्नी अक्षता नाईक ने कहा अगर गोस्वामी और वो दो व्यक्ती मेरे पती के पैसे दे देते तो आज वो जिंदा रहते. अर्णव गोस्वामी ने दुसरो को हुमारे खिलाफ भडकाते है की आप लोग भी इन्हे पैसे ना  दे.

रिपब्लिक स्टुडियो हा अन्वय नाईक यांचा शेवटचा प्रोजेक्ट होता.

पोलीसने अर्णव गोस्वामी पर और एक गुन्हा की नोंद की है . महाराष्ट्र पोलीस ने अर्णव गोस्वामी पर सरकारी कामोमे दखल देनेका मामला भी दर्ज किया है.

आपको बता दे की २०१८ मे  महाराष्ट्र मे भाजप की सरकार थी 

वाचा - 

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अर्णब गोस्वामी मामलेमे पत्रकार संघटना सच के साथ- ARANAB GOSWAMI ARREST

अर्णब गोस्वामी मामलेमे पत्रकार संघटना सच के साथ    



रिपब्लिक टी व्ही के संपादक अर्णब गोस्वामी का विरोध करना मुनासीफ नही ये मामला व्यक्तीगत है इससे पत्रकारिता का कोई संभंध नही. एसी भूमिका अर्णब माम्लेमे पत्रकार संघने ली. अलीबाग तालुका कावीर गाव मे अन्वय नाईक और कुमुद नाईककी खुद्कुशी मे २०१८ मे की थी. 
गोस्वामी के पास से नाईक को एक बडी रक्कम अपने काम की लेणी थी  जो न देणे की वजहसे नाईक ने खुद्कुशी की ऐसा उनके लिखे पत्र से मालूम हुआ. उस वक्त अलीबाग पोलीस ने गुन्हा दाखल किया लेकीन कोई कारवाही नाही की. नाईक के परिवार ने सी.आय.डी से जाचं की मांग की  इसलिये महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनील देशमुख ने ये मामला सी.आय.डी को सौप दिया. सी.आय.डी ने नयेसे जाचं करते हुए गोस्वामी को हिरासात मे लिया. इस मामलेका और पत्रकारीते का कोई संबंध नही इसलीये इस गिरफ्तारी का विरोध नही किया जाए. 
कानुन को अपना काम करने देना यही उच्चीत रहेंगा ऐसी भूमिका मराठी पत्रकार परिषद और पत्रकार हल्ला विरोधी कृती समिती ने लिया है. गोस्वामी की गिरफ्तारी पर टीव्ही जर्नलिस्ट असोसिएशन ने भी अपनी भूमिका सपष्ट  की है की ये एक व्यक्तिगत मामला है.                   
नाईक खुद्खुशी का मामला ये मे २०१८ का है उस वक्त महाराष्ट्र मे भाजप सरकार कार्यरत थी. उस वक्त ये नाईक मामलेमे कोई कारवाही नाही की गई थी. कूछ राजनीतिक पार्टी अर्णब के समर्थन मे उतरी है आपको ये बतादे की यही वो राजकीय पार्टी है जिनके कार्यकाल मे ये घटना हुई थी.      

अर्णब गोस्वामी को किया गिरफ्तार - ARNAB GOSWAMI

अर्णब गोस्वामी को किया गिरफ्तार -



मुंबई - रिपब्लिक टी व्ही के संपादक अर्णब गोस्वामी को अलिबाग पोलीसने किया गिरफ्तार. इंटेरियर डिझायनर अन्वय नाईक और उनकी माताके आत्महत्या मामलेने मे गोस्वामी को हिरासतमे लिया. अन्वय नाईक ने रिपब्लिक टी व्ही चेनल के स्टुडियो का इंटेरियर डीझाईन किया था. इस काम के ५ कोटी ४० लाख रुपये आने बाकी थे. लेकीन बारबर बारबर अपनी रक्कम मांगने के बावजुद  गोस्वामी से पैसे नही मिल पाए. 
         मानसीक तणाव के कारण अन्वय नाईकने अलीबाग के नजदीक कावीर गाव मे आत्महत्या की. उसके बाद नाईककी मातानेभी आत्महत्या की. गोस्वामी ने पैसे नही देनेके कारण निराश होनेकी वजह से आत्महत्या कर रहा हु ऐसा एक पत्र नाईकने आत्महत्यासे पहले लिखा था. इस मामलेमे नाईक की पत्नी अक्षता ने तक्रार देणे के बाद अलीबाग पोलीस ने  कलम ३०६ के तहेत गुन्हा दाखल किया है. इस मामलेकी तहेकीकात  के लिये अलीबाग पोलीस ने गोस्वामी को हिरासत मे लिया है. अन्वय नाईक की बेटी आज्ञा ने कूछ महीने पहले ग्र्हमंत्री अनील देशमुख से मुलाकात की थी. अन्वय नाईक आत्महत्या के मामलेमे गोस्वामी को कई बार नोटीस भेजी.लेकीन गोस्वामी पोलीस से बोलने के लिए तयार नही हुए. आखिरकार आज पोलीस ने अर्णब गोस्वामी के खिलाफ कारवाही कर हिरसात मे लिया. पोलीस अधिकारी और उनके सहकारीने कांदिवलीसे फिरोज शेख, और जोगेश्वरी से निलेश सरडा को भी हिरसात मी लिया.  

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