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काँग्रेस ने किया एम आय एम और टीआर एस का नुकसान - congress with BJP

क्या काँग्रेस और भाजप साथ साथ है?



हैदराबाद - हालही मे हैदराबाद नगर निगम का चुनाव के नतीजे सामने आहे. चुनाव के नतीजे इस तरह चौक आनेवाले थे की 2016 मे जिस राष्ट्रीय पार्टी को सिर्फ  ४ सिटोपर समाधान मानना पडा आज वही भारतीय जनता पार्टी ४४ सिटोपर अपनी जीत दर्ज चुकी है. 

जिस काँग्रेस को २०१६ के नगर निगम चुनाव में १५० मेसे सिर्फ २ सीट हासील मिले थे वही काँग्रेसने इस बार चुनावी मैदान में १४६ प्रत्याशी उतारे  जिस्मसे सिर्फ २ जगह जीत हासिल हुई. 

अमीत शाह मांग रहे ओवेसी से इजाज़त - AMIT SHAH WANTS OWAISI'S PERMISSION...

लेकिन १५ ऐसे वार्ड है जहा पर कांग्रेस के उमेदवार का सीदेसीदे फायदा भाजप उमेदवार को हुआ. १५ जगह मे से १४ जगह टी आर एस और १ जगह एम आय एम को नुकसान हुआ. जो काँग्रेस पूरे देश मे घोषणा करते दिखती है के एम आय एम भाजप की बी टीम है. वही काँग्रेसने हैदराबाद नगर निगम चुनाव में भाजप को फायदा पोहोचाया और तेलंगानामे भाजप को एन्ट्री दिलाई. हैदराबाद नगर निगम चुनाव मे भाजप बनाम एम आय एम बनाम टी आर एस ऐसी लढाई होने के बावजूद काँग्रेसने १४६ उमेदवार मैदान में उतारे.

हैदराबाद नगर निगम चुनाव मे सबसे बेहतरीन स्ट्राईक रेट एम आय एम पार्टी का रहा. एम आय एम पार्टी अध्यक्ष बॅरिस्टर असदुद्दीन ओवेसी और उनके सहकारीने फैसला लिया की सिर्फ ५१ सीटोपर ही चुनाव लढा जाये. ५१ सिटो मे ४४ पर जीत दर्ज कर एम आय एम अध्यक्ष खासदार बॅरिस्टर असदुद्दीन ओवेसी अपणा कीला महफुज रखा. और चुनाव में सबसे बेहतरीन स्ट्राइक रेट दिया. 

काँग्रेस से भाजप का कैसे मिला फायदा? - Hyderabad election GHMC...

दूसरी ओर काँग्रेसने १४६ उमेदवार दे सिर्फ २ पर जीत दर्ज की और १५ जगह भाजप को फायदा हुआ. टी आर एस ९९ से ५६ पर सिमट गई. टी आर एस को बहुमत के लिये ९८ की जरूरत है. अब एम आय एम अध्यक्ष बॅरिस्टर असदुद्दिन ओवेसी ये फैसला करेंगे की टी आर एस के साथ मिल सत्ता बनानी है या विरोधी पक्ष मे बैठना है.

जिस तरह युवा पिढी एम आय एम और बॅरिस्टर असदुद्दीन ओवेसी का साथ दे रही है उससे काँग्रेस की परेशान और बड रही है. इसीलिये कुछ काँग्रेसी एम आय एम और एम आय एम खासदार बॅरिस्टर असदुद्दीन ओवेसी को बदनाम कर रही है.

भाजप को वोट ना देने के कारण हुई दलित परिवार की पिटाई. Dalit betan for not giving BJP vote...

एम आय एम खासदार इम्तियाज जलील ने बताया हैदराबाद नगर निगम के बाद औरंगाबाद नगर निगम चुनाव में आपको मजलीस  की ताकद का अंदाजा हो जायेगा. 

जिस तऱ्हा काँग्रेसकी भाजप को हैदराबाद मे एंट्री के लिय मदत हवी इससे एक सवाल यह भी है की क्या काँग्रेस और भाजप मे छुपी युती तो नही? 

इस सवाल का जवाब अभी मिलना बाकी है.














भाजप को वोट ना देने के कारण हुई दलित परिवार की पिटाई. Dalit betan for not giving BJP vote

भाजप को वोट नही दिया इसलिये भाजप नेता और कार्यकर्ता ने दलित परिवार को पिटाई 


मध्य प्रदेश-

मध्यप्रदेश सरकार के राज्य मंत्री और पोहरी विधानसभा मतदार संघके आमदार सुरेश धाकड राठखेडा के रिश्तेदार पर एक दलित परिवार ने लगाया गंभीर आरोप.

हाल ही मे हुए विधानसभा बाय पोल चुनाव के दौरान भाजपा के मंत्री के रिश्तेदारोने भाजप को मतदान करने के लिए एक दलित परिवार पर दबाव बनाया.

काँग्रेस से भाजप का कैसे मिला फायदा? - Hyderabad election GHMC...

मंत्री के रिश्तेदारों ने भाजप को वोट ना देने के कारण दलित परिवार की खूप पिटाई की. दलित परिवार ने बताया उन्होने भाजप कोट ना दे कर बसपा को मतदान कीया जिसके कारण भाजप के मंत्री के रिश्तेदार ने उनकी पिटाई की. उस परिवार ने यहभी बताया की उनपर बैराड पोलीस ठाणे मे एफ आय आर दाखल की है जिसकी तक्रार उन्होने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन की है.

पोलीस ठाणे के अधिकारी हमे तक्रार वापस लेने के लिए दबाव बना रहे है. लेकिन जब तक हमे न्याय नही मिलना हम थंड मे भी वही बैठकर रहेंगे.

एमआयएम खासदार इम्तियाज जलील यांच्या पत्राला केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर यांनी दिले उत्तर - MP IMTIYAZ JALIL...

मंत्री सुरेश धाकडके रिश्तेदार हमे भरपूर तकलीफ दे रहे है ये बाद परिवार मे से एक महिला ने बताई. ये मामला राज्यमंत्री से जुडा रहने के कारण पोलीस भी अपने हात उपर उठा रही है. 

मंत्री सुरेश धाकड ओर  रिश्तेदार पर ये पहिली तक्रार नही है इससे पहले भी कही मामले उनके  खिलाफ आये है.

https://shooterconsultationcart.com/azp33ctwgz?key=f5e461ccbeb850c3df0b07f34593b0c2इंटर नॅशनल लिडरशीप नोबेल पुरस्कार हाजी इर्शादभाई यांना प्रदान - Irshad Ashrafi...



अमेरिका की वोट गिनती .. AMERICA VOTE COUNTING

अमेरिका में वोट गिने ही जा रहे हैं- आज  तीसरा दिन 



दुनिया - दुनिया का सबसे तकनीक आधारित देश किसी मशीन या इलेक्ट्रोनिक्स से परे, हाथ से ठप्पा लगाकर अपने नागरिकों का निर्णय गिन रहा है। इस देश के लिए सच्चाई महत्वपूर्ण है, सबसे तेज नतीजे  देना नही। किसीको कोई जल्दी नही है। आखरी वोट तक इत्मीनान से गिना जाएगा, भले पूरा हफ्ता लगे। यह सबसे पुराने लोकतंत्र का हाल है। दुनिया के दूसरे छोर पर हाल उलट है। सबसे बड़े लोकतंत्र में वोटिंग को तकनीक प्रेम का तमाशा बनाया जा चुका है। आम जनसुविधाओं में भिखारीमाल देश, वोटिंग में स्पेस एज टेक्नोलॉजी का दिखावा करता है। क्या इसलिए कि फटाफट नतीजी आये, झटपट सरकार बने। इतनी जल्दी क्यों है भाई???  यह सोचना जरुरी है. 

         इ वी एम  का उल्लेख संविधान  में नही है। यह संसद, कानून या विधिद्वारा स्थापित प्रक्रिया नही है। यह किसी एक इलेक्शन कमिश्नर यांनी निवडणूक अधिकारी  के एक आदेश  द्वारा एक पहल है। इलेक्शन कमिश्नर - एक आईएएस, एक नौकरशाह, संसदीय प्रक्रियाओं द्वारा नियुक्त एक पटवारी है। इससे अधिक कुछ नही। जब मशीन का उपयोग शुरू हुआ, किसी को शकों शुबहा न था। बीस साल बाद हजारों सवाल उठ चुके हैं। इसलिए कि बीस साल में तकनीक ने लम्बा सफर तय कर लिया है। आज की हर तकनीक, बीस साल पहले की हर तकनीक को बौना, बचकाना और आदिम साबित कर चुकी है. 

        इ वी एम पवित्र है या नही, टेम्पर या हैक हो सकती है या नहीं.. यह बहस को दूसरी दिशा में ले जाता है। इस बहस को कोडिंग, सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर के जानकारों के बीच रहने दीजिए। हमे भला इससे मतलब क्यो हो? लोकतंत्र में जी रहे साधारण नागरिक को अपने वोट के गिनती किये जाने से मतलब है। राजव्यवस्था, इलेक्शन कमीशन और कोर्ट्स को सिर्फ यह इंश्योर करना है कि आम नागरिक का वोट गिनती करे। वह भी एक पारदर्शी, रिचेकिंग के योग्य, एविडेंस बेस्ड प्रक्रिया से .और "इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन एक अपारदर्शी प्रक्रिया है, और अपारदर्शी सिस्टम का लोकतंत्र की सबसे महत्त्वपूर्ण प्रक्रिया में स्थान नही होना चाहिए"... यह जर्मनी की सुप्रीम कोर्ट का जजमेंट है। 

        मतपत्र से हुए चुनाव में निरीक्षक  के सामने एक एक मत खोला जाता है, चेक किया जाता है, बंडल बनते हैं, गिना जाता है। इ वी एम सीधे थोक में एक आंकड़ा देती हैं। संगणक चिप में झांक नही सकता। उसे मशीन की पवित्रता पर आस्था रखनी पड़ती हैं। जरा सोचिए- जनमत का फैसला, और आस्था के बूते ? और चेकिंग का दूसरा रास्ता भी बेशर्मी से बन्द है। व्यवस्था यह सेट की गई है कि रैंडमली सिर्फ 5% की विविपैट चेक होगी। क्या लोकतंत्र का तकाजा ये नही कि, हर एक वोट की जाचं होना चाहिए?  

        लोकतंत्र की सबसे मूल प्रक्रिया को अपने तकनीकी एडवांसमेंट का नुमाईश  बंनाने की जरूरत नही। जिंदगी की सबसे बेसिक चीजें हम सशरीर, मानवीय तरीके से करते हैं। खाना हाथ से खाते है, बच्चों पर प्यार से हाथ फेरते है। बस वैसे ही, लोकतंत्र के अस्तित्व की सबसे बेसिक प्रकिया, उसी स्पर्श भरे मानवीय तरीके से होनी चाहिए। 

यह बात हमे अमेरिका से सीखनी चाहिए।

मनीष सिंग 


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बिहार चुनाव मे एम आय एम की जीत पक्की...

ट्रम्प खोटे बोलत आहे ? - AMERICA NEWS

 अमेरिका टीव्ही न्यूज चेनलने राष्ट्रपती ट्रम्प चे भाषण रोखले 


वाशिंग्टन - अमेरिकाचे टीव्ही न्यूज चेनल ने आज एक ऐतिहासिक काम केले जे आज पर्यंत कोणत्याही टीव्ही चेनलवाल्यांनी साहस केले नाही. ज्या प्रकारे निवडणुकचे निकाल येत होते ट्रम्प ने मेडिया समोर गुरवारी रात्री येऊन आणी पत्रकार परिषद सुरु केली. पत्रकार परिषदेत बोलतांना ट्रम्प यांनी मत मोजणीत धांदली होत असल्याचा आरोप केला. ज्यामुळे अनेक न्यूज चेनल ने ट्रम्प यांचे भाषण प्रसारान बंद केले आणी ट्रम्प यांचे आरोपाला खोटे दाखवले.

MNSBC च्या प्रसारण बंद करून ब्रेन विलियम्स ने सांगितले की " इथे आम्ही परत अमेरिका राष्ट्रपती यांचा भाषण थांबवत आहे आणी त्यांचे भाषांत दुरुस्ती पण करत आहे.

CNN चे जेक टेप्पर यांनी ट्रम्प यांचे भाषण बंद करून सांगितले की राष्ट्रपतीच्या निवडणूक मध्ये आपल्याला खोटे ऐकावे लागता आहे आणी ट्रम्प हे फक्त खोटआणी खोटे बोलू राहिले, त्यांच्याकळे कोणताही पुरावा नसल्याचा टेप्पर यांनी सांगितले.

या अगोदर ट्रम्प ने टीवीट करून आरोप केले होते ज्यामुळे ट्विटर ने कारवाही करून बॉल्क केले. राष्ट्रपती ट्रम्प ने केलेल्या बहुतेक टीवीटला कित्यक तास कोण्ही  लाईक आणी कमेंट केले नाही. 

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