कोरोना २ को कैसे रोके ?
कोविड १९ महामारी से पुरे दुनीया परेशान है और अब युरोपिअन देशोमे कोविड १९ फिर से अपने पैर फैला रहा है . इसे कोरोना की दुसरी लाट कहेना मुनासीफ होंगा. अब सवाल ये है की इस तऱ्ह के लाट क्यो आते है ?
कोईभी रोग या बिमारी की साथ आने पर उसे काबु करने केलीए जनता तऱ्ह तऱ्ह की कोशीश करती है सरकार ने बताये हुए नियमो का पालन करती है. और जैसे जैसे रोग की साथ बढने लगती है नियम का पालन करनेवालो की संख्या बढने लगती है. इसके लिए हर एक व्यक्तीने जो मेहनत किया उसे भुल नही सख्ते. सरकार, पोलीस, आरोग्य से जुडे हुए डॉक्टर और कर्मचारी , समाजसेवक, सफाई कामगार आदी. सभीका अलग किरदार है.
लेकीन इन्सानी फितरत ये है की वो ज्यादा दिनोतक बंदन मे नही रह सकता वो बंदन तोडने लगता है. नागरीक बताए हुए नियमोका पालन करणा कम कर देता है .उसी का कारण है की फिर मारीजोकी संख्या बढने लागती है. बिमार लोगो कि संख्या नियमोका पालन नही करनेसे बढना शुरू होती है और फिर बिमारीकी दुसरी लाट के चपेत मे नागरिक आने लगते है. ये लाट कभी जलद आती ही तो कभी देरीसे आती है और जनता इसके हत्ते चढ जाते है. जब तक सरकारी और खासगी दवाखाने इस बिमारी का इलाज करनेमे सक्षम है तब तक ये हमारे काबुमे है लेकीन अगर मरीजोकी संख्या ज्यादा होगी तो ये बडी मुश्कील खडी कर देती है. सामान्य जनता की ये जिम्मेदारी है की ये बिमारी ज्यादा ना फहले.
जीस देश मे थंडी का मौसम शुरू हो राहा है और वाह का तापमान बहुत कम है वहाकी जनताको अब ज्यादा समजदारी से काम लेना होंगा . अगर जरुरत नही है तो भीडवाले इलाके मे जाना टालना होंगा.
भविष्य मे दुसरी लाट कब और किस तऱ्ह की होंगी ये बताना मुश्कील है.
- जब तक हम सब मिलकर एक निश्चय नही करते तब तक ये मुमकिन नही.
- जरुरत हो तो गर्दी वाले जगह पर ना जाए जितने गर्दी कम उतना धोका कम.
- निर्धारित नियमोका पालन करना.
अगर हर व्यक्तीने अपनी जिम्मेदारी समज कर खुद पर निरबंद लगाले तो कोरोना की दुसरी लाट कम दर्जे की होंगी.
आशा करते है की हमसब मिलकर कोरोना जैसी बिमारी का सामना करेंगे.
वाचा -
No comments:
Post a Comment