एम आय एम - पश्चिम बंगाल के १०० सीट पर है नजर - AIMIM West Bengal

एम आय एम चिफ बॅरिस्टर असदुद्दिन ओवेसी का रुख अब पश्चिम बंगाल की तरफ.



बिहार विधानसभा मे ५ सिटोपर अपनी जीत दर्ज कर और हैदराबाद के निकाय चुनाव की कामयाबी के बाद एम आय एम बॅरिस्टर असदुद्दीन ओवेसी ने आपना रूख पश्चिम बंगाल की तरफ किया. सीमांचल से लगे पश्चिम बंगाल के काफी क्षेत्र ऐसे है जहा पर मुस्लिम समुदाय ३५-६५ % फीसदी है. ये वही क्षेत्र है जहा मुस्लिम वोट निर्णायक रहता है. यहा की जनता ने अभी तक तृणमूल काँग्रेस को वोट देकर सत्ता मे बिठाया लेकिन हर जगा कि तरह ये क्षेत्र भी विकास काफी दूर है. काफी ऐसे क्षेत्र है जहा सामान्य जनता को मूलभूत सुविधाये भी उपलब्ध नही. जनता ने कोई पर्याय न होने के कारण तृणमूल काँग्रेस को वोट दिया. लेकिन पिछले ५ सालो से एम आय एम बॅरिस्टर असदुद्दीन ओवेसी यहापर अपनी मैदान मजबूत करनेमे लगे है. जनता एम आय एम को पर्याय के रूप मे देख रही है. २९४ विधानसभा क्षेत्र में १४० ऐसे क्षेत्र है जहा पर मुस्लिम वोट निर्णायक रहते है और यही वह क्षेत्र हे जहा एम आय एम अपनी किस्मत आजमयेंगी. तृणमूल काँग्रेस अध्यक्ष ममता बॅनर्जी अपने भाषण में हैदराबाद से आए एम आय एम अध्यक्ष खासदार ओवेसी का जिक्र करते हुए नजर आ रही है. ममता बॅनर्जी बॅरिस्टर असदुद्दीन ओवेसी पर यहआरोप लगा रही है के उन्हे पश्चिम बंगाल मे पैसे देकर भाजपने भेजा है ताके हिंदू वोट बीजेपी के पास चला जाये और मुस्लिम व्हॉट एम आय एम को मिले. 
इसका जवाब मे एक टिव्ही चैनल से बात करते हुए बॅरिस्टर असदुद्दीन ओवेसी ने कहा कि तृणमूल काँग्रेस अध्यक्ष ममता बॅनर्जी ने सबसे पहले अपने घर की हिफाजत करनी चाहिए कितनेे ऐस उनके नेता आहे जो तृणमूल कॉंग्रेस छोड भाजप मे जा रहेे है. एम आय एम चिफ बॅरिस्टर ओवेसी कहा के अभी तक कोई ऐसा नही पैदा हुआ जो मुझे पैसे से खरीद सखे.
 
मुर्शिदाबाद, मालदा, वीरभूम, उत्तरी दिनाजपुर, दक्षिण 24 परगणा ये ऐसे क्षेत्र है जहा पर मुस्लिम समुदाय पचास फीसदी से ज्यादा है और इन्ही जगह पर एम आय एम अपनी किस्मत अजमाने कि कोशिश कर राही है. एम आय एम आपणा होमवर्क पश्चिम बंगाल के १०० सिटोपर कर रही है. अब देखना ये है के पश्चिम बंगाल की जनता एम आय एम का पर्याय कितना अपना आयेंगे. एम आय एम ने पश्चिम बंगाल में सभासद नोंदणी अभियान में लगबग दस लाख सभासद अभी तक पार्टी से जोडे है. अगर किसी तरह एम आय एम बॅरिस्टर असदुद्दीन ओवेसी का क्रेज बरकरार रहा तो पश्चिम बंगाल के सत्ता बनाने मे एम आय एम एक हम भूमिका निभायेंगे. 
जिस तरहा ममता बॅनर्जी अपने हर भाषण में एम आय एम अध्यक्ष बॅरिस्टर असदुद्दीन ओवेसी को टार्गेट कर रही है उससे ऐसा लगता है के ममता बॅनर्जी को भाजप से ज्यादा एम आय एम से परेशानी है. और वो नही चाहती के एम आय एम पश्चिम बंगाल में चुनाव लढे लेकिन पश्चिम बंगाल के मुस्लिम बहुल क्षेत्र में जिस तरहा टीएमसीने विकास किया है उससे वाहकी जनता पर्याय धूंड रही है. और बिहार चुनाव के कामयाबी के बाद पश्चिम बंगाल की जनता को एम आय एम और एम आय एम अध्यक्ष बॅरिस्टर असदुद्दीन ओवेसी ज्यादा उम्मीदे है.

सबसे अहं बात के पश्चिम बंगाल मे तृणमूल कॉंग्रेस के साथ साथ ११ और पक्ष है जो चुनाव मे हिस्सा लेने वाले है लेकीन एम आय एम और ओवेसी पश्चिम बंगाल्मे आने  से वाहके प्रस्ताप्तीत को परेशानी हो रही है उन्हे ये दर लाग रहा है के जीन वोटोको हम अपना समजते थे अब उन वोटरोको पर्याय मिलने  पर वो उनका साथ छोड देंगे.    

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मुस्तफा को पालिका अध्यक्ष बनाने का काँग्रेस मे विरोध



राजस्थान - कोटा 

अंता - अंता नगरपालिका अध्यक्ष पद के लिए कॉंग्रेस की तरफसे मुस्तफा खान का नाम सामने आया लेकीन कॉंग्रेस कमेटी मे ही इसका विरोध देखने को मिला. इस फैसले के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते कॉंग्रेस कार्यकर्ते नजर आए. प्रस्तावित प्रात्यक्षिके विरोध मे काँग्रेस नगराध्यक्ष चंद्रप्रकाश मीना काँग्रेस कार्यकर्ता एकत्रित होकर तथा पार्षद मुस्तफाखान को पालिका अध्यक्ष प्रत्याशी  बनाने का नारेबाजी कर खुला विरोध किया.

अंता नगरपालिका मे भाजपा और कांग्रेस दोनों के पास १६-१६ नगरसेवक है और ०३  निर्दलीय नगरसेवक चुनकर आया है.  

भाजपने रामेश्वर खंडेलवाल को परचा  दाखल करणे को कहा है वही कांग्रेस की ओर से मुस्तफाखान का नाम आते ही काँग्रेसने विरोध के सूर सुरू हो गये. मंगलवार शाम 5 बजे नगराध्यक्ष मीना के घर पर पत्रकार परिषद बुलाइ जिस्मे नगराध्यक्ष के साथ काही पदाधिकारी व पालिका अध्यक्ष  के लिए बिना सलामशवरा  मुस्तफाखान उमेदवार घोषित करने पर जमकर विरोध किया. कार्यकर्तावो की जनभावना का अपमान करने का आरोप लगाते हुए कार्यकर्ताने  पार्टी को तोडणे का षड्यंत्र बताया. 

काँग्रेस नगराध्यक्ष मीनाने बताया कि वर्तमान बोर्ड पर कही गंभीर आरोप होने के बावजूद चुनाव में कांग्रेस बोर्ड बनाने की स्थिति मे आ गई है स्थानिक कार्यकर्त्यांने जीतोड मेहनत की और कांग्रेस को मुकाबले के लिए खडा किया.  लेकिन नगरपालिका चुनाव और बिना देखे मुस्तफाखान को पालिका अध्यक्ष का प्रत्याशी बनाकर कार्यकर्ता का अपमान किया है. इसके लिये कार्यकर्ताओं ने मेरे घर पर मुझसे मुलाकात कर विरोध करने के लिए कहा. कार्यकर्ताओं की भावना का सन्मान करते हुए पालिका अध्यक्ष के प्रत्याश का विरोध किया है. और पार्टी आलाकमान से अनुरोध किया कि कार्यकर्ताओं की भावनासे  खिलवाड करने वालो के विरुद्ध कारवाई की जाये.

अब सवाल यह  है के  

क्या अनंत नगरपालिका अध्यक्ष पद के लिए मुस्तफाखान को चूना जाना और कार्यकर्ताओ की तरफ से विरोध होना ये साबित करता है के काँग्रेस मे एक मुस्तफा भी बरदाश नही हो रहा. 

क्या काँग्रेस अब  सेक्युलर पक्ष नही रहा? 

क्या  मुस्तफाखान नगराध्यक्ष पद के काबिल नही? 

या फिर काँग्रेस हमेशा की तरह सेक्युलर के नाम पर वोट लेकर समाज को घुमरा  कर रही है?

एक सवाल य भी है के क्या काँग्रेस भाजप की राहा आसान कर रहे है?


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भारतीय राष्ट्रीय लष्करात मुसलमानांचा सहबाग 

१९२१ असहकार आणि खिलाफत चळवळी



अब्दुल्लाह खलिफा - 

जन्म -                      १८८५ मालेगाव, जी नाशिक, महाराष्ट्र.  
वडिलांचे नाव -         खुदाबक्षचा मुलगा. 
शिक्षण           -          सातव्या इयत्ती पर्यंत, 
सहभाग  -                 विणकर खिलाफत चळवळ संघटित करणाऱ्या सैनिक नेत्यांपैकी एक, 
दारूच्या दुकानावरील पीकेटिंग मध्ये  भाग. त्यावेळी पोलिस हस्तक्षेप आणि लोकांनी हिंसाचार केला. 
एका पोलिसाचा मृत्यू, अटक, तीन वर्ष कारावास.  पोलिसांच्या अत्याचारामुळे ऑगस्ट १८२१ माध्य विसापूर अहमदनगर जेलमध्ये मृत्यू.


अब्दुल करीम गुलाम जिलानी - 

जन्म -                     हलगीचर धाका ( पूर्व बंगाल )आत्ता बांगलादेश येते २० ऑक्टोबर १९०४ रोजी जन्म, 
वडिलांचे नाव -     चौधरी गुलाम मोहम्मद चा मुलगा, 
सहभाग -              १९२१  च्या असहकार,  १९३०  च्या सविनय कायदेभंग चळवळी मध्ये सहभाग, 
अटक ढाका जेलमध्ये १० फेब्रुवारी १९३२ मध्ये मृत्यू.

अब्दुल गफूर मोहम्मद -

जन्म -                  मालेगाव जि. नाशिक, महाराष्ट्र १८८३ मध्ये जन्म, 
वडिलांचे नाव -     शकूर मोमिन चा मुलगा
शिक्षण -                 प्राथमिक शाळे पर्यंत शिक्षण, पैलवान
सहभाग -              १९२१  मध्ये असहकार चळवळ सहभाग खिलाफत चळवळ संघटित करणारे सैनिक    नेत्यांपैकी एक. दारूच्या गुत्त्यावर पिकेटिंग मध्ये सहभाग, पोलिसांचा हस्तक्षेप आणि गोळीबार त्यामुळे लोकांनी हिंसाचार केला. एक पोलीस ठार , अटक, दंगल व खून करणे अशा  आरोपाखाली मृत्युदंड १८ जानेवारी १९२३  फाशी.

इस्राईल अल्लारखा     -

जन्म -          मालेगाव जि.नाशिक महाराष्ट्र येथे १८९२ मध्ये जन्म,
शिक्षण -       प्राथमिक शाळेपर्यंत शिक्षण, नोकरी
सहभाग -      १९२१  असहकार चळवळ, खिलाफत चळवळ संघटित करणाऱ्या स्थानिक नेत्यांपैकी एक. दारूच्या गुत्त्यावर पिकेटिंग मध्ये सहभाग, पोलिसांचा हस्तक्षेप आणि गोळीबार त्यामुळे लोकांनी हिंसाचार केला. एक पोलीस ठार, अटक, दंगल व खून करणे अशा आरोपाखाली फाशीची शिक्षा पुण्याच्या येरवडा तुरुंगात ६ जुलै १९२२ ला फाशी.

मोहम्मद हुसेन हाजी मद्दू -

जन्म -                  मालेगाव जि. नाशिक महाराष्ट्र येथे जन्म १८८६ साली. 
वडिलांचे नाव -     मड्डू  शेठ चा मुलगा 
शिक्षण -              पाचवीपर्यंत शिक्षण, कापड व्यापारी
सहभाग -              १९२१  मध्ये खिलाफत चळवळीत भाग २५ एप्रिल १९२१ मध्ये अटक १९२२  मध्ये पोलीस अत्याचाराने ठाण्याच्या जन्ममृत्यू.

मोहम्मद भिकारी - 

जन्म -                 मालेगाव जि. नाशिक महाराष्ट्र येथे १८८९ साली जन्म, 
वडिलांचे नाव -  भिकारीचा मुलगा
शिक्षण -          सातवीपर्यंत शिक्षण
सहभाग -          १९२१ च्या असहकार चळवळीत कृतिशील सहभाग, दारूच्या गुत्त्यावर पिकेटिंग मध्ये भाग पोलिसांचा हस्तक्षेप गोळीबार त्यामुळे लोकांनी हिंसाचार केला,  एक पोलिस ठार, खून व दंगल या आरोपाखाली अटक फाशीची शिक्षा झाली येरवडा जेलमध्ये ६ जुलै १९२२ फाशी.

सुलेमान शाह - 

जन्म -                  मालेगाव जि. नाशिक महाराष्ट्र येथे १८७४ साली जन्म
वडिलांचे नाव -  रोजन मुलांनीचा  मुलगा
शिक्षण -              आठवीपर्यंत शिक्षण, हॉटेल मालक
सहभाग -              १९२१  च्या असहकार चळवळीत सहभाग मालेगाव खिलाफत चळवळ संघटित केले    दारूच्या गुत्त्यावर पिकेटिंग  मध्ये भाग पोलिसांचा हस्तक्षेप गोळीबार त्यामुळे लोकांनी  हिंसाचार केला एक पोलिस ठार, दंगल करणे या आरोपाखाली अटक फाशीची शिक्षा पुण्याच्या येरवडा जेलमध्ये ६ जुना १९२२ रोजी फाशी.

अब्दुल रसूल - 

जन्म -                  सोलापूर महाराष्ट्र येथे १९१० साली जन्म
वडिलांचे नाव -      कुरबान हुसेन चा मुलगा
सहभाग -             कामगार संघटनेतील कार्यकर्ता सनिवय कायदेभंग चळवळीत भाग, १९३०  ला पोलीस    ठाण्यावर झालेल्या हल्ल्यात सहभागी, दंगल व खून केल्याचा आरोप फाशीची शिक्षा पुण्याला १२ जनवरी १९३१ रोजी फाशी.

अहमद सरुर - 

जन्म -             बालगड जिल्हा होळी पश्चिम बंगाल
सहभाग -         १९३० सालच्या सनिवय  कायदेभंग चळवळीच्या वेळी सत्याग्रहात भाग, अटक,  तुरुंगवास व तुरुंगात मृत्यू


 स्त्रोत : 

मखदूम उर्दू - स्वातंत्र्य चाळवलीतील मुस्लीम हुतात्म्यांचे अपूर्ण यादी.  

 सेडिशन कमिटी रिपोर्ट 

रोल ऑफ ऑनर - के सी घोष

हुज हु ऑफ इंडिया मात्रीअर्स खंड १,२,३ संपादक - डॉ पी एन चोप्रा

HISTORY OF FREEDOM FOGHTER MOVEMENT OF CARE - T V KRUSHNAN

THE RIN STRIKE - A GROUP OF VITIMISED RATING

नव विद्रोह  कॅप्टन बी.दत्ता

COMMUNIST MARTOURS - COMMITTE OF COMMUNIST PARTY OF INDIA 

SUNIL BENARGEE, ABDUL RAZZAK KHAN AND ABDUL BADUD WRITTEN ARTICLES


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डॉ. ज़ैनुल आबदीन अहमद साहब(जेड. अहमद) - Indian Freedom Fighter

स्वतंत्रता सेनानी
डॉ. ज़ैनुल आबदीन अहमद साहब(जेड. अहमद)


जैनुल आबदीन साहब की पैदाइश 29 सितम्बर सन् 1907 को उमरकोट (सिंध) के एक तालीमयाता रईस खानदान में हुई थी। आपके वालिद का नाम ज़ियाउद्दीन अहमद था, जो ब्रिटिश हुकूमत में बड़े ओहदे पर फ़ायज़ थे। आपकी वालिदा का नाम इक़बाल बेगम था, लेकिन उनका इंतक़ाल आपके बचपने में ही हो गया था।

जेड. अहमद ने अपनी शुरुआती तालीम खत्म करके सन् 1923 में अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया और बी.ए. (आनर्स) की डिग्री लेकर सन् 1928 में इंग्लैण्ड गये, जहां लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनामिक्स से एम.ए. फिर डॉक्टरेट की डिग्री लेकर सन् 1936 में हिन्दुस्तान लौट आये। वहां से लौटने के बाद डॉ. अहमद नेशनल मूवमेंट और ट्रेड यूनियन के तंज़ीमी कामों में दिलचस्पी लेने लगे।

इन्हीं दिनों आपको ब्रिटिश हुकूमत की तरफ़ से गवर्नमेंट कॉलेज में प्रिंसिपल के लिए ऑफर मिला, लेकिन आप चूंकि नेशनलिस्ट ख़्याल के थे, इसलिए इस ओहदे को फ़ौरन ठुकरा दिया। जब आप लंदन में थे तो वहां जे़रे-तालीम रहीं बेगम हाजरा से आपकी मुलाक़ात हुई थी और बाद में उन्हीं से आपकी शादी हो गयी।


आप यू.पी. कांग्रेस कमेटी के सेक्रेटरी बनाये गये और इक्नामिक्स अफ़ेयर के लिए एडवाइज़र भी बने। आप कम्युनिस्ट ख्याल के थे, इसलिए आपको कांग्रेस के एक ग्रुप की मुख़ालिफ़त भी झेलनी पड़ती थी। आपको पार्टी से निकालने की भी कोशिशें हुई; लेकिन जवाहरलाल नेहरू ने ऐसा करने से सख़्ती से मना कर दिया। कांग्रेस के नेशनल मूवमेंट में आप बहुत सरगर्मी से हिस्सा लेते थे। एक मुज़ाहिरे के दौरान डॉ. अहमद और हाजरा बेगम दोनों ही गिरफ्तार कर लिये गये। आप दोनों पर बहुत-सी दफ़ाओं में मुक़दमे चले।


सन् 1958 और 1996 में आप दो बार राज्यसभा के लिए चुने गये। डॉ. अहमद ने राज्यसभा में किसानों और मज़दूरों की भरपूर नुमायंदगी की; साथ ही, पार्लियामेंट के बाहर भी किसानों की परेशानियों के लिए आंदोलन करते रहे और आज़ाद हिन्दुस्तान में भी जेल गये। आप आॅल इण्डिया किसान महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। आपके साथ आपकी बेगम हर आंदोलनों में शामिल रहती थीं। सन् 1999 की 17 जनवरी को आप इस दुनिया को अलविदा कह गये।

 संदर्भ -1) THE IMMORTALS

  लेखक sayyad naseer ahmad 

संकलन तथा अनुवादक *अताउल्ला पठाण सर टूनकी बुलढाणा महाराष्ट्र*

9423338726



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पिडीत माता व आठ महिन्यांचे बाळ ‘मानवसेवा’प्रकल्पात - MANAVSEVA PROJECT

पिडीत माता व आठ महिन्यांचे बाळ ‘मानवसेवा’प्रकल्पात


अहमदनगर -

तारुण्यात असताना लोकांच्या वाईट नजरेने मनाला किती किळसवाणे वाटते, शरीराला किती भोके पडतात हे बाईच जीणं आल्याशिवाय कळणार नाही. समाजात वासनांध वृत्ती आणखी विकोपाला गेली आहे की इथे तर दोन अडीच वर्षांच्या मुलींवर सुद्धा बलात्कार होऊन खून पडतात. तिथे २९-३० वयाच्या तरुणीची काय अवस्था असेल? दुर्दैवाने मनोरुग्ण महिलांच्या बाबतीत सुद्धा हेच घडते. हे अनेक वेळा आपण ऐकतो. अशा पिडीत माता भगिनींसाठी श्री अमृतवाहिनी ग्रामविकास मंडळाचा 'मानवसेवा' प्रकल्प चोवीस तास कार्यरत आहे.  

दि. १५ डिसेंबर २०२० ची  सायंकाळची वेळ डोक्यावर कपड्याचे गाठोडे, अंगावर मळकटलेल्या चिंध्या, कडेवर ७ ते ८ महिन्याचे बाळ घेवून वेड लागलेली (अंदाजित २९ वर्षाची) तरुणी रस्त्यावरच जीणं जगत फिरत होती. सारखी बडबड करीत होती. थंडी, गारठ्याने उललेलं ते बाळ घेवून उघड्यावरचं अरणगाव ते केडगाव ही कडं ते ती कडं येरझ-या मारत होती. हे विदारक चित्र दिसताच गावाकडून परतणा-या अनिता मदणे व अशोक मदणे यांनी पीडित, बेघर, निराधार मनोरुग्णांच्या पुनर्वसनासाठी कार्य करणारे श्री अमृतवाहिनी ग्रामविकास मंडळाचे संस्थापक दिलीप गुंजाळ यांना कळविले.  

दिलीप गुंजाळ यांनी मानवसेवा प्रकल्पाचे समन्वयक राहुल साबळे, नितीन बर्डे आणि महिला स्वयंसेवक मनिषा ठोसरे, कोमल कांबळे यांना पाठवून विचारपुस केली. परंंतु नाव, गाव, पत्ता काहीच समजले नाही. आणि त्या मातेने देखील काहीच सांगितले नाही. अखेर त्या मातेला आठ महिन्याच्या बाळासह दि. १५/१२/२०२० रोजी ‘मानवसेवा’ प्रकल्पात दाखल करुन मायेचा आधार दिला. मन व घर हरवलेल्या या निराधार मातेवर डाॅ. अनय क्षीरसागर यांच्या मार्गदर्शनाने उपचार सुरु केले आहे. सध्या प्रकल्पात ३६ माता-भगिनीं व बंधु उपचार घेत आहेत. 



मानवसेवा हीच, ईश्वर सेवा!

मानवसेवा प्रकल्प

(मन व घर हरवलेल्या मानसांच घर)

द्वारा- श्री अमृतवाहिनी ग्रामविकास मंडळ 

☎ (०२४१) २४२९९४२

📱 ९०११७७२२३३

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त्या निराधार, दिव्यांगांसाठी अखेर "मानवसेवा" धावली....

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 एमआयएम राजस्थान में अपनी किस्मत अजमायेंगी.











एमआयएम राजस्थान में अपनी किस्मत अजमायेंगी.

बीजेपी और कांग्रेस मे हुआ गटबंधन

एम आय एम को भाजप की बी टीम  कहते कहते  न जाने काँग्रेस और उनके सहकारी,  भाजप मे  कब समा जा रही है इसका पता कांग्रेसी नेता को पता नही चलता है. 

इसका सबसे चर्चित उदाहरण यांनी राजस्थान के आदिवासी बहुल उदयपूर के डूंगरपुर जिले में बीटीपी यांनी भारतीय ट्रायबल पार्टी को रोकने के लिये बीजेपी के साथ काँग्रेस गट बंधन करती नजर आ रही है

काँग्रेस की परेशानी और बड सकती है क्युकी बीटीपी ने पहले ही गहलोत सरकार से  अपना समर्थन वापस लिया है. अब ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन अध्यक्ष बॅरिस्टर असदुद्दीन ओवेसी भारतीय ट्रायबल पार्टी को राजस्थान मे समर्थन देणे का प्रस्ताव रखा है.

भारतीय ट्रायबल पार्टीचे राष्ट्रीय अध्यक्ष छोटुभाई वासवा ने बीजेपी और कांग्रेस के गटबंधन कोलेकर ट्वीट किया जिसमे उन्होने बीजेपी और कांग्रेस एक ही है याने गंगाधर ही शक्तिमान है यही सत्य है ऐसा लिखा.

इस ट्वीट पर एम आय एम अध्यक्ष बॅरिस्टर असदुद्दीन ओवेसी ने लिखा की काँग्रेस मुझे और आपको दिन रात विपक्षी एकता का पाठ पडाती है लेकिन खुद जनेऊदारी एकता से उपर नही उठ रही है. ये दोनों एक ही लोग है. कब तक ऐसे लोगों के साथ रहेंगे। क्या आपकी राजनीतिक हैसियत इतनी है कि आप राज्य में किंगमेकर बन सकें। उम्मीद है कि आप इसपर जल्द ही सही फैसला लेंगे। हिस्सेदारी के इस संघर्ष में हम आपके साथ हैं। 

जवाब में वासवा ने भी कहा, हम भी आपके साथ है।

जिस तरह एम आय एम को महाराष्ट्र के बाद बिहार मे कामयाबी मिली अब एम आय एम अध्यक्ष खासदार ओवेसी की नजर पश्चिम  बंगाल उत्तर प्रदेश के साथ राजस्थान पर भी है.

राजस्थान में 40 ऐसे विधानसभा क्षेत्र है जिसे मुस्लिम बहुल क्षेत्र माना जाता है. और एम आय एम की नजर उन्ही क्षेत्र पर है. जयपुर, सीकर, झुंझुनू, अलवर, भरतपुर, सवाई माधोपुर और टोंक जैसे विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।

अब देखना ये है के एम आय एम अपनी पार्टी को राजेस्थान मे किस तरह मजबूत करेंगे.

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मुस्लिम आरक्षणाचे वास्तव - Muslim Reservation

मुस्लिम आरक्षणाचे वास्तव


देश -

भारतात सध्या निवडणुकांचे राजकारण विधिनिषेध शुन्य होत चालले आहे. याचे महत्त्वाचे एक कारण असे आहे की, आपले राजकीय पक्ष हे संसदीय लोकशाहीला आवश्यक असलेल्या जबाबदार समाजकारण करणारे, जनतेच्या इच्छा, आकांक्षा त्यांचे प्रश्न सोडविण्याचे माध्यम राहिलेले नाही. देशात आता आपले राजकीय पक्ष हे जातीचे, धर्मवादी संघटनांचे, भाषा आणि संकुचित प्रदेशवादाच्या माध्यमातून सत्ता बळकविणाऱ्या गटांचे प्रतिनिधी झालेले आहेत. कुठल्याही थराला जाऊन सत्ता हस्तगत करणे व आपल्या स्वार्थासाठी राज्यकारभार करणाऱ्या संघटना म्हणजेच आपले राजकीय पक्ष अशी आजची स्थिती आहे. तेव्हा कोणताही राजकीय पक्ष सत्तेवर आला तरी भारतातील सामान्य दलित, शोषित, पिडीत, अल्पसंख्याक, गोरगरीब जनतेचे प्रश्न मात्र तसेच राहतात. या सर्व गोष्टींना कंटाळून जनता ही अलिकडच्या दशकांपासून राजकीय पक्षांच्या बाबतीत वैफल्यग्रस्त झालेली आहे. राजकीय पक्षांनी नव्वदीच्या दशकापासूनच आपली सामाजिक बांधिलकी गमावलेली आहे. त्यामुळे निवडणूक नितीतही बदल झालेला आहे. प्रत्येक राजकीय पक्ष निवडणुका जिंकण्याकरिता सर्व सामान्यांचे खरे - खुरे प्रश्न सोडविण्याचा प्रयत्न करण्याऐवजी धर्म, भाषा, संस्कृती, जात - पात, भेद - भाव असे अनेक प्रश्न उभे करुन जनतेच्या मूळ प्रश्नांना बगल देऊन त्यांच्या भावना चेतवून, पेटवून मते मिळविण्याचे राजकारण करण्यात गुंग झालेले आहेत. निवडणूक जिंकण्याकरीता कुठल्याही थराला जाण्याची कितीही खालची पातळी गाठण्याची जणू काय देशात स्पर्धाच लागलेली आहे. 

या तंत्रात देशात असणारे मोठे पक्ष काँग्रेस व भाजप हे पक्ष सर्वात अग्रेसर आहेत. निवडणुका आल्या की, त्या नजरेसमोर ठेवून जनतेला भ्रामक आश्वासने, फसव्या घोषणा, विविध प्रकारची आमिषे दाखवून जास्तीत जास्त मते आपल्या पदरात पाडून घेण्याचे अवलंबीले जात आहे. काँग्रेसच्या हातातील एक मुख्य व खास अस्त्र म्हणजेच मुस्लिम मतदार निवडणुका नजरेसमोर दिसू लागल्या की, अल्पसंख्यांकांवर फसव्या घोषणा आणि फसव्या आश्वासनांचा पाऊस पाडून त्यांची मते पदरात कशी पडतील हे पाहिले जाते. गेली ७० वर्षे काँग्रेस पक्ष हेच करीत आला आहे. याउलट भाजप व त्याचे समर्थक १९८९ - ९० पासून मंदिर, मशीद, भाषा, प्रांत, व्यक्तिगत कायदा, मुसलमानांची तयाकथीत धर्माधंता या प्रश्नांच्या आधारे समाजा - समाजामध्ये असंतोष पेटवून मुस्लिम विरोधी वातावरण भडकावून हिंदू मतांच्या आधारे सत्ता हस्तगत करण्याचे तंत्र विकसित केले आहे. शेवटी या दोन्ही राजकीय पक्षांचे निवडणूक टारगेट मुसलमानच आहेत. काँग्रेस भूलथापा, फसवी आश्वासने देऊन मुस्लिम समुदायाला लटकत ठेवतो तर भाजपा मुस्लिम विरोधी वातावरण तापवून आपली राजकीय पोळी भाजण्याचा प्रयत्न करतो.



निवडणुकीचे वारे देशात वाहू लागल्यानंतर मुस्लिमांना ८ टक्के आरक्षण देण्याची शिफारस रहिमान समितीने केली होती. हे आरक्षण जणू काय काँग्रेसने खास आपल्यालाच दिले आहे असे समजून काही ठिकाणी भोळ्या भाबड्या मुसलमानांनी आनंद व्यक्त केला तर भाजप व त्याचे सहकारी हे आरक्षण मुसलमानांना धार्मिक निकषावर दिले जात आहे म्हणून घटनेविरोधी आहे अशी ओरड सुरु केली आहे. तसे पाहता धार्मिक निकषावर आरक्षण देण्याची घटनेमध्ये कुठेण तरतूद नाही. मग हे ८ % आरक्षणाचे म्रुगजळ का ? तसे पाहिल्यास गेल्या कित्येक वर्षांपासून अनेक आयोग नेमण्यात आले. मात्र प्रत्यक्षात अशा आयोगाच्या शिफारशींची अंमलबजावणी किती प्रमाणात होते ? हा अत्यंत महत्त्वाचा प्रश्न आहे. अंमलबजावणी काही नाही मात्र अल्पसंख्यांकावर सवलतींचा वर्षाव अशा प्रकारे जाहिर प्रसिद्धी दिली जाते. आरक्षणाच्या नावाखाली शासन मुसलमानांची चक्क दिशाभूलच करीत आहे. मुस्लिम विरोधकांना निवडणुकीच्या वेळी अशा प्रकारच्या घोषणा म्हणजेच मुस्लिम विरोधी हत्यारच उपलब्ध करुन दिले जात आहे. या पूर्वीही मुंबईत झालेल्या भयावह जाती दंगलीमध्ये श्रीकृष्ण आयोगाची नेमणूक करण्यात आली होती. या आयोगाने दंगलीला जबाबदार असणाऱ्यांना शिक्षा देण्याची शिफारस केली होती. मात्र प्रत्यक्षात काय घडले ? दंगलीत हात धुवून घेणारे मोकाटच सुटले मग अशा आयोगांची गरजच काय ? सच्चर समितीच्या शिफारशी फक्त कागदावर राहिल्या प्रत्यक्षात अंमलबजावणी किती ? प्रशासनात मुस्लिम विरोधी भावना असल्यामुळे अशा आयोगाच्या शिफारशीची अंमलबजावणी योग्य रित्या केली जात नाही. मात्र मुस्लिमांवर सवलतींचा वर्षाव असा कांगावा केला जातो. मुस्लिम विरोधी वातावरण निर्माण करण्यास काँग्रेसचे धोरणच कारणीभूत आहे. काँग्रेसने जातीय वाद्यांचे बुजगावणे मुस्लिमांना दाखविणे आता बंद करावे. काँग्रेस धर्मनिरपेक्ष म्हणून आपला ढोल नेहमीच बढवतो. परंतु प्रत्यक्षात काँग्रेसने धर्मनिरपेक्ष विचार कधीच अंमलात आणला नाही. देशात फोफावणाऱ्या जातीय वादाला काँग्रेसही तेवढाच जबाबदार आहे. धर्मनिरपेक्ष तत्वाला केवळ शोभेचे बाहुले बनवून न ठेवता या तत्त्वांवर जोपर्यंत काँग्रेस प्रत्यक्षपणे अंमलबजावणी करत नाही तोपर्यंत धर्मनिरपेक्षता हे एक बुजगावणेच बनून राहील. अनेक प्रकारचे आयोग नेमून मुस्लिम समुदायाची दिशाभूल अनेक वेळा करण्यात आली आहे. रहिमान आयोग सच्चर समिती या फक्त फसव्या घोषणाच ठरल्या आहेत याचा वास्तवाशी काहीही संबंध नाही. असे आयोग म्हणजे एक म्रुगजळच आहे. जोपर्यंत मुस्लिम समाज जागरुत होऊन आपल्या न्याय हक्काकरिता घटननेने दिलेल्या अधिकारात राहून व्यापक अभियान छेडत नाही तोपर्यंत मुस्लिम हा राजकीय पक्षाच्या हातातले बाहुलेच राहणार आहे. मुस्लिम समाजाने गंभीरपणे या गोष्टीचा विचार करुन समाजामध्ये जनजागृती करणे गरजेचे आहे. अन्यथा पुढील काळ समाजासाठी कठीण असेल.

 मुजफ्फरभाई सय्यद

 कार्याध्यक्ष

 अ. भा. साहित्य कलामंच 

 ९९६०३२५०५७

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बाबरी मस्जिद शहादत- Babri masjid by Firoz Shaikh...

भारतीय राष्ट्रीय लष्करात मुसलमानांचा सहबाग -भाग १ MUSLIMS INDIAN FREEDOM FIGHTER...

असरार उल-हक मजाज़- Asrar UL Hakk


त्या निराधार, दिव्यांगांसाठी अखेर "मानवसेवा" धावली

 त्या निराधार, दिव्यांगांसाठी अखेर "मानवसेवा" धावली



अहमदनगर : दि. ११/१२/२०२०


माणुसकीचं मन विदीर्ण करणारं चित्र! पायाची बोटे तुटलेली, पाय चालू देत नाही अन् मन बोलू देयना! आयुष्यात सर्व काही धुसरंच दिसत होतं. मनाने खचुन रस्त्यावर आयुष्य जगण्याची ती वेळ खुप विदीर्ण होती. सुदैवाने १०८ अँम्ब्यलन्सच्या मदतीने अहमदनगर जिल्हा रुग्णालयात उपचार मिळाला. पण अंथरुणावर लोळत पडलेलं धड कोण सांभाळील? असा प्रश्न या निराधारांना तर पडलाच पण जिल्हा रुग्णालयाला सुध्दा पडला. अखेर नाकारलेल्या या निराधार दिव्यांगांना श्री अमृतवाहिनी ग्रामविकास मंडळाच्या *"मानवसेवा"* प्रकल्पाने आपलं मानुन शुक्रवार दि.११ डिसेंबर २०२० रोजी मायेचा आधार दिला.



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*मानवसेवा प्रकल्प*

(मन व घर हरवलेल्या मानसांच हक्काच घर)

द्वारा - श्री अमृतवाहिनी ग्रामविकास मंडळ

☎ (०२४१) २४२९९४२

📱 ९०११७७२२३३


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असरार उल-हक मजाज़- Asrar UL Hakk...

भारतीय राष्ट्रीय लष्करात मुसलमानांचा सहबाग -भाग १ MUSLIMS INDIAN FREEDOM FIGHTER ....

असरार उल-हक मजाज़- Asrar UL Hakk

आज ही के दिन 5 दिसंबर 1955 को मजाज़ की वफ़ात लख़नऊ में हुई। मशहूर गीतकार जावेद अख़्तर इनके भांजे है।




असरार उल हक़ मजाज़ की तालीम का सफ़र लखनऊ और आगरा से होते हुए अलीगढ़ विश्वविद्यालय तक पहुंचा। मुज़्तर ख़ैराबादी और उस्मान हारूनी जैसे नामचीन शायरों के परिवार से तआल्लुक़ात रखने वाले मजाज़ लखनवी में जितनी रूमानियत थी उतनी ही रूहानियत भी थी।

मजाज़ की एक मशहूर नज़्म..


शहर की रात और मैं नाशाद ओ नाकारा फिरूँ

जगमगाती जागती सड़कों पे आवारा फिरूँ

ग़ैर की बस्ती है कब तक दर-ब-दर मारा फिरूँ

ऐ ग़म-ए-दिल क्या करूँ ऐ वहशत-ए-दिल क्या करूँ


झिलमिलाते क़ुमक़ुमों की राह में ज़ंजीर सी

रात के हाथों में दिन की मोहनी तस्वीर सी

मेरे सीने पर मगर रखी हुई शमशीर सी

ऐ ग़म-ए-दिल क्या करूँ ऐ वहशत-ए-दिल क्या करूँ


जी में आता है ये मुर्दा चाँद तारे नोच लूँ

इस किनारे नोच लूँ और उस किनारे नोच लूँ

एक दो का ज़िक्र क्या सारे के सारे नोच लूँ

ऐ ग़म-ए-दिल क्या करूँ ऐ वहशत-ए-दिल क्या करूँ


मुफ़्लिसी और ये मज़ाहिर हैं नज़र के सामने

सैकड़ों सुल्तान-ए-जाबिर हैं नज़र के सामने

सैकड़ों चंगेज़ ओ नादिर हैं नज़र के सामने

ऐ ग़म-ए-दिल क्या करूँ ऐ वहशत-ए-दिल क्या करूँ


ले के इक चंगेज़ के हाथों से ख़ंजर तोड़ दूँ

ताज पर उस के दमकता है जो पत्थर तोड़ दूँ

कोई तोड़े या न तोड़े मैं ही बढ़ कर तोड़ दूँ

ऐ ग़म-ए-दिल क्या करूँ ऐ वहशत-ए-दिल क्या करूँ


बढ़ के उस सभा का साज़ ओ सामाँ फूँक दूँ

उसका गुलशन फूँक दूँ उस का शबिस्ताँ फूँक दूँ

तख़्त-ए-सुल्ताँ क्या मैं सारा क़स्र-ए-सुल्ताँ फूँक दूँ

ऐ ग़म-ए-दिल क्या करूँ ऐ वहशत-ए-दिल क्या करूँ



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भारतीय राष्ट्रीय लष्करात मुसलमानांचा सहबाग -भाग १ MUSLIMS INDIAN FREEDOM FIGHTER...

मौलाना मुहम्मद अली ज़ौहर - Indian Freedom Fighter...

बाबरी मस्जिद शहादत- Babri masjid by Firoz Shaikh...


भारतीय राष्ट्रीय लष्करात मुसलमानांचा सहबाग -भाग १ MUSLIMS INDIAN FREEDOM FIGHTER

भारतीय राष्ट्रीय लष्करात मुसलमानांचा सहबाग -  



  • अख्तर अली - जन्म कपुरथाळा, पंजाब, कपुरथाळा पायदळात सुभेदार , भारतीय राष्ट्रीय लष्करात दुसर्या गुरीला पलटणीत कॅप्टन म्हणून प्रवेश युद्धात कामी आले. 

 

  • अल्लाहुदिन - तलाव, जी. रोहटक , हरियाणा येथे जन्म, मोतीबक्ष चा मुलगा, जाट पलटणीत सैनिक, भारतीय राष्ट्रीय लष्करात तिसर्या गुरीला पलटणीत सैनिक महणून प्रवेश, युद्धात शहीद झाले.

 

  • अल्ताफ हुसेन - जन्म रायपुर खुर्द, जी. अमृतसर, पंजाब येथे. भारतीय सैन्यात सैनिक होते. नंतर भारतीय राष्ट्रीय लष्करात बहादूर गटात सैनिक म्हणून प्रवेश, ब्र्हम्देशातील युद्धात शहीद.


  • बशीर अहमद  - जन्म बहाली, जी. रोहटक हरयाणा,  भारतीय लष्करात जाट पलटणीत हवालदार, भारतीय राष्ट्रीय लष्करात तिसऱ्या गुरीला पलटणीत लेफ्टनंट   म्हणून प्रवेश, कलेवा युद्धात शहीद.

  

  • चिराग दिन - जन्म बडेंधे , जी. लुधियाना, पंजाब, ब्रह्मदेशात भारतीय लष्करात प्रवेश, युद्धात शहीद.

 

  • चिराग खान - जन्म कहना, जी.कपूरथळा, पंजाब मलायात भारतीय राष्ट्रीय लष्करात प्रवेश, युद्धात शहीद.

 

  • फतेह खान - जन्म रोहटक , हरियाणा भारतीय लष्करात जाट पलटणीत सैनिक, भारतीय  राष्ट्रीय लष्करात सिंगापूर येथे सामील. तिसऱ्या गुरीला पलटणीत सेवा. ब्रिटीश सेनेशी युद्ध, जीगरकाचा येथील युद्धात शहीद.

 

  • फतेह मोहम्मद - जन्म शेरपूर जी. होशियारपूर , पंजाब भारतीय लष्करात हवालदार कारकून, मलायातील भारतीय राष्ट्रीय लष्करात सामील, युद्धात शहीद

 

  • गुलामनबी -  जन्म हरमाबाद, जी. गुरुदासपूर, पंजाब, ब्र्हम्देशातील भारतीय राष्ट्रीय लष्करात प्रवेश, ब्रीटीशांकडून अटक. बिहारी कॅम्प मध्ये तुरुंगवास, फेब्रुवारी १९४४ मध्ये मृत्यु.

 

  • इरशाद अली - जन्म बिगाणा , जी. रोहटक हरियाणा. भारतीय लष्करात सैनिक. भारतीय राष्ट्रीय लष्कराच्या पहिल्या गुरीला पलटणीत सैनिक म्हणून प्रवेश युद्धात शहीद.

 

  • जमालउद्दीन - जन्म मैनवन जी. कपूरथळा, पंजाब. कपूरथळापायदळात सैनिक, भारतीय राष्ट्रीय लष्कराच्या दुसऱ्या  गुरीला रेजिमेंट मध्ये नाईक म्हणून प्रवेश इंफाळजवळील युद्धात शहीद.

 

  • फातमअली - जन्म पट्टण , जी. हिस्सार, हरियाणा फरीदखान मुलगा, ब्र्हम्देशात भारतीय राष्ट्रीय लष्कराच्या शामील. तिसऱ्या गुरीला पलटणीत नाईक म्हणून सेवा. युद्धात शहीद.

 

  • ख़ुशी महमद - जन्म भंद्री, जी.लुधियाना, पंजाब. शांघाय प्लीस (चीन) मध्ये पोलीस,भारतीय राष्ट्रीय लष्कराच्या एस.एस.गटात सामील. ब्र्हम्देश सरहद्दीवरील युद्धात शहीद.

 

  • लालखान - जन्म माघल, जी. झेलम, पंजाब. मलयात भारतीय राष्ट्रीय लष्कराच्या सामील, युद्धात शहीद.

 

  • मोहंमद अन्वर - जन्म नुरपूर, जी. झेलम, पंजाब भारतीय राष्ट्रीय लष्करात शीख पलटणीत हवालदार, १९४२ ला सिंगापूरला १९४५ मध्ये ब्रह्मदेशातील अराकन टेकड्यांवरील युद्धात शहीद.

 

  • मोहंमद बनारस- जन्म बसाली जी. रावळपिंडी , पंजाब मलायात भारतीय लष्करात सामील, दुसऱ्या गुरीला पलटणीत लेफ्टनंट म्हणून सेवा. युद्धात शहीद.

 

  • मोहंमद शफी - जन्म पुट्टी जी.लाहोर, पंजाब मलायातील भारतीय राष्ट्रीय लष्कराच्या सामील दुसर्या गुरीला पलटणीत हवलदार म्हणून सेवा, इंफाळ जवळ युद्धात शहीद.

 

  • मोहंमद दोन -  जन्म काला कालन, जी. सियालकोट, पंजाब मलायात भारतीय लष्करात शामिल. युद्धात शहीद.

 

  • मोहंमद उमरखान -  जन्म निगाना , जी. रोह्टक , हरियाणा. नजर मोहंमदचा मुलगा. भारतीय लष्करातील जाट पलटणीत सैनिक, सिंगापूरच्या भारतीय राष्ट्रीय लष्करात प्रवेश, तिसऱ्या गुरीला पलटणीत हवालदार म्हणून सेवा युद्धात शहीद.

 

  • मोहंमद याकुब - जन्म कासीर जी. हजारा , वायव्य सरहद प्रांत मलायात भारतीय राष्ट्रीय लष्करात शामील. युद्धात शहीद.

 

  • मोहंमद युसुफ - जन्म इब्राहीम जैर जी. कोहट. वायव्य सरहद प्रांत भारतीय राष्ट्रीय लष्करात सैनिक. १९४२ मध्ये भारतीय राष्ट्रीय लष्करात शामील. पहिल्या बहादूर गटात सेवा, इंफाळ नजीकच्या युद्धात वीरगती.

 

  • नबी बक्ष - जन्म मैनवेन, जी. कपूरथाळा, पंजाब कपूर था ळा पायदळात नाईक, १९४२ साली मलायात भारतीय राष्ट्रीय लष्करात शामिल. दुसऱ्या गुरीला पलटणीत सेवा, इंफाळ जवळील युद्धात वीरगती.

 

  • नूर हुसेन -  जन्म कानी, कॅबेल्पूर पंजाब १९४२ साली भारतीय राष्ट्रीय लष्करात मलायात प्रवेश, नोव्हेंबर १९४४ ला सिंगापूर येथे युद्धात शहीद.

 

  • ताज मोहंमद - जन्म गोजरगड नुरकेल जी. मर्दन, वायव्य सरहद प्रांत भारतीय लष्करात हवालदार. १९४२ साली सिंगापूर भारतीय राष्ट्रीय लष्करात सामील. पहिल्या बहादूर गटात सेकंद लेफ्टनंट म्हणून सेवा. ब्रिटिशांनी कैद करून भारतात आणला. लखनौला १९४६ साली मृत्यू.

 

  • जहूर अहमद - जन्म जहूर मुखलिअन जी. शेखुपुरा, पंजाब मलायात भारतीय राष्ट्रीय लष्करात प्रवेश. ब्र्हम्देसतील सार्हद्द्तील ब्रिटीश फौजांशी युद्ध. १९४३ मध्ये ब्रिटिशांनी पकडून भारतात आणला. लष्करी खटला देहांताची शिक्षा, २३ ऑगस्ट १९४३ ला फाशी.               

 स्त्रोत : 

मखदूम उर्दू - स्वातंत्र्य चाळवलीतील मुस्लीम हुतात्म्यांचे अपूर्ण यादी.  

 सेडिशन कमिटी रिपोर्ट 

रोल ऑफ ऑनर - के सी घोष

हुज हु ऑफ इंडिया मात्रीअर्स खंड १,२,३ संपादक - डॉ पी एन चोप्रा

HISTORY OF FREEDOM FOGHTER MOVEMENT OF CARE - T V KRUSHNAN

THE RIN STRIKE - A GROUP OF VITIMISED RATING

नव विद्रोह  कॅप्टन बी.दत्ता

COMMUNIST MARTOURS - COMMITTE OF COMMUNIST PARTY OF INDIA 

SUNIL BENARGEE, ABDUL RAZZAK KHAN AND ABDUL BADUD WRITTEN ARTICLES

   

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एम आय एम खोकरगाव अध्यक्षपदी फिरोज पठाण

 

खोकरगाव - श्रीरामपूर - अहमदनगर

खोकरगाव येथे एम आय एम चे बैठक घेण्यात आली. बैठकीच्या अध्यक्षस्थानी एम आय एम श्रीरामपूर तालुका अध्यक्ष शकील शेख होते. ज्या पद्धतीने एम आय एम पूर्ण जिल्ह्यात विस्तार होत आहे त्याचप्रमाणे श्रीरामपूर तालुक्यात ही एमआयएम सोबत लोक जुडत आहे. पक्षाचे राष्ट्रीय अध्यक्ष बॅरिस्टर असदुद्दिन ओवेसी यांना मानणारेंची संख्या दिवसेंदिवस वाढत आहे. महाराष्ट्र प्रदेशाध्यक्ष खासदार इम्तियाज जलील साहेब व कार्याध्यक्ष डॉ गफ्फार कादरी साहेब यांच्या आदेशाने पूर्ण महाराष्ट्रात पक्ष बांधणी चा काम चालू आहे. त्याच प्रमाणे अहमदनगर जिल्ह्यातील एम आय एम जिल्हा अध्यक्ष डॉ परवेज अशरफी साहेब यांच्या नेतृत्वाखाली पक्षाचा विस्तार होत आहे. लवकरच श्रीरामपूर तालुक्यात निवडणुका होणार असून प्रत्येक निवडणुकांत एम आय एम पूर्ण ताकतीने उतरणार असल्याचे सांगण्यात आले. 

यावेळी खोकरगाव अध्यक्षपदी फिरोज पठाण यांची एकमताने निवड करण्यात आली. निवडीचे पत्र एम आय एम जिल्हा उपाध्यक्ष तोसिफ मनियार यांच्या उपस्थितीत श्रीरामपूर तालुुका अध्यक्ष शकील शेख यांच्याा हस्ते देण्यात आले. 

खोकरगाव उपाध्यक्षपदी नदीम भाई, कार्याध्यक्ष शरीफ सय्यद, सचिव समीर पठाण, सहसचिव ताज मोहम्मद शेख, संघटक बने खान पठाण, सल्लागार जावेद पठाण, सहज सल्लागार अमीन सय्यद यांची नियुक्ती करण्यात आहे.

यावेळी श्रीरामपूर तालुका अध्यक्ष शकील शेख, श्रीरामपूर शहर अध्यक्ष युनूस शेख, उपाध्यक्ष अमोल रुपटके, शहारुख मंसूरी, किरण बोधक, दाऊद पिंजारी, विशाल गोरख मोरे, चनदिव डोळस, फिरोज पठाण फिरोज सय्यद मोबिन शेख, मोईस शेेख, युसुफ शेख आदी कार्यकर्ते उपस्थित होते.

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मौलाना मुहम्मद अली ज़ौहर - Indian Freedom Fighter

 मौलाना मुहम्मद अली ज़ौहर - Indian Freedom Fighter


"मेरे मुल्क को आज़ादी दो या मेरे कब्र के लिए मुझे दो गज जगह दे दो, यहां मै अपने मुल्क की आज़ादी लेने आया हूं।" 

1930 के लन्दन गोलमेज़ कांफ़्रेंस में ये लरज़ती आवाज़ थी मौलाना मुहम्मद अली ज़ौहर के जो आज ही के दिन 10 दिसम्बर 1878 को रामपुर यूपी में पैदा हुए।

मौलाना अली जौहर ने अपनी पढ़ाई ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी से मुकम्मल की थी पढाई के बाद रामपुर स्टेट के शिक्षा निदेशक रहे 1920 में जामिया यूनिवर्सिटी की बुनियाद रखी।

गांधी जी से प्रेरित होकर मौलाना अली जौहर ने कांग्रेस जॉइन की और स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो गए। 1922 में चौरी चौरा कांड में कई क्रांतिकारियों की शहादत के बाद असहयोग आंदोलन बिखर गया। इसके बाद मौलाना ने अंग्रेजी हुक़ूमत के खिलाफ हमदर्द पत्रिका निकालना शुरू कर दिया जिसकी वजह से मौलाना को जेल में डाल दिया गया जब तक जिंदा रहे कई बार जेल में डाले गए लेकिन अपनी आख़री सांस तक अंग्रेजों की खुल के मुखालफत करते रहे।

मौलाना के इतनी कुर्बानियों के बाद भी उनको भुला दिया गया कई अरसों बाद उनके नाम पे रामपुर में जौहर यूनिवर्सिटी बनी थी उस पर भी बुल्डोजर चला दिया गया।

जिस मुल्क़ के लिये मौलाना ने जेल से लेकर बीमारी तक संघर्ष किया। अगर आज का हिंदुस्तान देखते तो उसी संसद में खड़े होकर जरूर सवाल करते क्या हमने इसी हिन्दोस्तान की आज़ादी का ख्वाब देखा था? 


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मुकुंदनगरच्या प्रभाग 3 मधील नागरी समस्या सोडविण्याची मागणी

नगरसेवक आसिफ सुलतान यांचे सर्वसाधारण सभेत महापौर व आयुक्तांना निवेदन


अहमदनगर (प्रतिनिधी)- मुकुंदनगर येथील प्रभाग क्रमांक 3 मधील नागरी समस्यांबाबत नगरसेवक आसिफ सुलतान यांनी सर्वसाधारण सभेत महापौर व आयुक्तांना निवेदन दिले. प्रभाग 3 मध्ये 35 ते 40 हजार लोकसंख्या असून, येथे पाणीपुरवठा, घनकचरा, ड्रेनेजलाईन व गटार, इलेक्ट्रिकल, बांधकाम आदी प्रलंबीत प्रश्‍नामुळे नागरी सुविधेचा बोजवारा उडाला असून, सदर प्रश्‍न तातडीने सोडविण्याची मागणी त्यांनी निवेदनाद्वारे केली आहे.

प्रभाग 3 मध्ये पाण्याची गंभीर समस्या आहे. या भागात एक दिवसाआड पाणी सोडले जाते, तर काही ठिकाणी सदर भागात अनियमित दोन ते चार दिवसाआड पाणी पुरवठा केला जातो. वितरण व्यवस्थेतील दोष व कर्मचार्‍यांची कमतरता या कारणांनी पाणीपुरवठा नागरिकांना सुरळीत होत नाही. लोकप्रतिनिधींना नागरिकांच्या रोषाला सामोरे जावे लागत आहे. फेज टू चे पाईपलाइनचे काम 90 टक्के पुर्ण झाले आहे. उर्वरीत काम पुर्ण करुन नागरिकांना फेज टू च्या लाईन मधून नळ कनेक्शन देऊन पाणी पुरवठा व्हावा. या भागात पाणीपुरवठा करणार्‍या टाकीची स्वच्छता व निर्जंतुकीकरण करून त्यामधून पाण्याचे वाटप करण्यात यावे.

स्वच्छता कर्मचार्‍यांची संख्या कमी असल्याने सदर प्रभाता पुरेशी स्वच्छता होत नाही. परिणामी या भागात अस्वच्छता पसरुन कचर्‍याचे ढीग साचत आहे. या परिसरात मोकाट कुत्र्यांचा त्रास नागरिकांना सहन करावा लागत असून, या भागातील मोकाट कुत्र्यांचा बंदोबस्त व्हावा, स्वच्छतेसाठी कर्मचार्‍यांची संख्या वाढवावी, नागरिकांना कचरा डबे महापालिकेतर्फे पुरविण्यात यावे व साचलेला कचरा उचलण्यासाठी लहान कचरा गाड्या उपलब्ध करण्याची मागणी करण्यात आली आहे. या भागात अनेक ठिकाणी ड्रेनेजलाईन तुंबून घाण पाणी रस्त्यावर आल्याने नागरिकांचे आरोग्य धोक्यात आले आहे. ड्रेनेजलाईनचे फुटलेले पाईप दुरुस्त करुन त्याची दुरुस्ती व्हावी. तसेच पथदिवे बंद असल्याने परिसरात अंधकार पसरला आहे. रात्री लहान मोठे अपघात घडत आहे. तर शहरात चोर्‍याचे प्रमाण वाढत असताना पथदिवे दुरुस्त करण्यात यावे. अंतर्गत रस्त्यांची दुरावस्था झाली असून, नागरिकांना मोठा त्रास सहन करावा लागत आहे. खराब रस्त्याची देखील तातडीने दुरुस्ती व्हावी, उद्यान विकासासाठी सुचवलेल्या कामाचे प्रस्ताव मंजूर करण्यात यावे, मुकुंदनगरसाठी शासनाकडून भुयारी गटार योजना मंजूर असून त्याचे काम सुरु करावे, सदर प्रश्‍न सोडविण्यासाठी चार दिवसात आढावा बैठक घेण्याची मागणी करण्यात आली आहे. सदर मागणी मान्य न झाल्यास येत्या पंधरा दिवसात शोले स्टाईलने आंदोलन करण्याचा इशारा नगरसेवक आसिफ सुलतान यांनी दिला आहे. 

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प्रतिभावंत दिव्यांगांना राज्यस्तरीय दिव्यांग रत्न पुरस्कार देऊन गौरव - Shevgaon

 सावली दिव्यांग संस्थेच्या वतीने



शेवगाव प्रतिनिधी

अक्षय केदार


जिल्हा परिषद व पंचायत समितीच्या माध्यमातून सदैव दिव्यांग बांधवांच्या अडचणी सोडवण्यासाठी प्रयत्नशील राहू:-सभापती डॉ क्षितिज घुले पाटील

 सावली दिव्यांग कल्याणकारी बहुउद्देशीय संस्थेच्या वतीने विविध क्षेत्रात उल्लेखनीय कार्य करणार्‍या प्रतिभावंत दिव्यांग व्यक्तींना राज्यस्तरीय दिव्यांग रत्न पुरस्कार देऊन गौरविण्यात आले. शहरातील हॉटेल सिंग रेसीडेन्सी येथे दिव्यांगांचा हा गौरव सोहळा पार पडला.  

जागतीक दिव्यांग दिन सप्ताह निमीत्त या दिव्यांग गौरव सोहळ्याचे आयोजन करण्यात आले होते. कार्यक्रमाच्या अध्यक्षस्थानी अर्थतज्ञ दत्तात्रय काटे उपस्थित होते. दिव्यांगांचे प्रेरणास्थान असलेल्या डॉ. हेलन केलर यांच्या प्रतीमेस पुष्पहार अर्पन करून दीपप्रज्वलनाने कार्यक्रमाची सुरुवात करण्यात आली. यावेळी शेवगाव पंचायत समीती सभापती क्षितीज घुले, सावली संस्थेचे अध्यक्ष बाबासाहेब महापुरे, उपाध्यक्ष चांद शेख, सचिव नवनाथ औटी, बाहुबली वायकर, सुनिल वाळके, मनोहर मराठे, खलील शेख, गणेश महाजन आदिंसह विविध जिल्ह्यातून आलेले पुरस्कार्थी, विविध संघटनेचे पदाधिकारी व दिव्यांग बांधव उपस्थित होते.

दत्तात्रय काटे म्हणाले की, अनेक दिव्यांगांनी परिस्थितीवर मात करुन विविध क्षेत्रात यशोशिखर गाठले आहे. निसर्गाने काही कमी दिले असले, तरी काही अधिक देखील दिलेले असते. आपल्यातील विशेष गुण ओळखण्याची गरज आहे. आज परिस्थिती बिकट बनत असताना, शासनाने देखील दिव्यांगांच्या प्रश्‍नाकडे लक्ष देण्याची गरज आहे. दिव्यांगांसाठी असलेल्या शासकीय योजनांचा लाभ त्यांना विना अडथळा मिळाला पाहिजे, असे सांगितले. तर गरजू घटकातील दिव्यांगांचे प्रश्‍न सोडविण्यासाठी दिव्यांग आश्रमची गरज स्पष्ट करुन, सावली दिव्यांग संस्थेने दिव्यांगांना प्रेरणा देण्यासाठी व त्यांचे प्रश्‍न सोडविण्यासाठी घेतलेला पुढाकार प्रेरणादायी असल्याचे सांगितले.

उपस्थित पाहुण्यांच्या हस्ते विविध क्षेत्रात उल्लेखनीय कार्य करणार्‍या प्रतिभावंत दिव्यांग व्यक्तींना राज्यस्तरीय दिव्यांग रत्न पुरस्कार सन्मानित करण्यात आले. शाल, श्रीफळ, मानचिन्ह, सन्मानपत्र देवून त्यांचा गौरव झाला. संस्थेचे उपाध्यक्ष चांद शेख यांनी सावली दिव्यांग संस्थेच्या वतीने सुरु असलेल्या सामाजिक कार्याची माहिती दिली. प्रास्ताविकात मनोहर मराठे यांनी दिव्यांगांना प्रेरणा मिळण्यासाठी या पुरस्काराचे आयोजन करण्यात आले असल्याचे स्पष्ट केले. कार्यक्रमाचे सुत्रसंचालन सुरेखा खेडकर यांनी केले. आभार संस्थेचे अध्यक्ष बाबासाहेब महापुरे यांनी मानले. कार्यक्रम यशस्वी करण्यासाठी सावली दिव्यांग कल्याणकारी बहुउद्देशीय संस्थेच्या सदस्यांनी परिश्रम घेतले.

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अहमदनगर -

गेल्या १० वर्षा पासून अहमदनगर येथील फेज २ चे काम रखडले आहे. जेव्हा विचारणा केली तर ६ महिन्यात पूर्ण होईल अशे उत्तर देण्यात येतात परंतु १० वर्षानंतर ही फेज २ चालू न झाल्याने या मागचे कारण समजून घेणे गरजेचे आहे. जवळ जवळ पूर्ण शहरात फेज २ ची पाईप लाईन पूर्ण झालेली असून ती चालू का करत नाही हा प्रशन सामान्य जनतेला पडत आहे.

महानगर पालिके समोर मुकुंदनगर भाग आहे जो महापालिके हद्दीत असून सुद्दा महापालिकेचे सुविधा पासून वंचित आहे. पिण्याचे पाण्याचा प्रश्न असो, की गटारीचा असो, किंवा रस्त्याचा. कोणताही महानगर पालिकेचा काम दिलेल्या वेळात एक ही ठेकेदारांनी केलेला दिसून आले नाही. पाऊसच्या महिन्यात मुकुंदनगर वासीयांच्या घरात पाऊसाचा आणी गटारीचा पाणी शिरतो. तक्रार केली तर पालिके कडे मानस उपलब्द नसतात, असले तर एक किंवा दोन माणसावर सर्व काम सोडून दिलेले असते जे अशक्य नाही.

मुकुंदनगर भागात १५ वर्षा पूर्वी एक पाण्याची टाकी बांधण्यात आली. त्याचा फायदा आज तागायत सामान्य नागरिकांना झाले नाही. लोक प्रतिनिधी बदलले, आमदार , खासदार बदलले परंतु एकानेही मुकुंदनगर भागातील पाण्याची टाकी चालू करून मुकुंदनगर वासियांना सुरळीत पाणी पुरवटा होईल असे काम केलेले दिसत नाही.

लोक प्रतिनिधींना भरगोस मतांनी निवडून दिले परंतु आज पण मुकुंदनगर मुलभूत गर्जे पासून वंचित आहे. अशे गंभीर आरोप एम आय एम जिल्हा अध्यक्ष डॉ परवेज अशरफी यांनी केले. पालिका अहमदनगर मध्ये पाण्याचे टाकी उभारत असेल तर चांगली बाब आहे परंतु ज्या पाण्याचे टाक्या १० -१५ वर्षा पासून उभारून उपयोगात आणले नाही त्याचे काय ? असा प्रश्न डॉ अशरफी यांनी केला

एम आय एम तर्फे महानगर पालिका आयुक्त यांना निवेदन देण्यात आले आहे. निवेदनात पुढे लिहिले आहे की जसे पालिका हद्दीतल नागरिक पालिकेचा कर भरतात तसेच मुकुंदनगर भागात राहणारे नागरिक भरतात. पण सोय आणी सवलत हे मुकुंदनगर भागात तुलनेने कमी असल्याचे दिसते. याचे कारण मुकुंदनगर भाग हा मुस्लीम बहुल असल्यामुळे हि वागणूक दिली जात असावी. महानगर पालिका आयुकत्ताना निवेदन देऊन अहमदनगर शहरची प्रगती साठी शहरासोबत मुकुंदनगर भागाचा विकास गरजेचे असल्याचे सांगितले.

निवेदनावर एम आय एम जिल्हा अध्यक्ष डॉ परवेज अशरफी, जिल्हा महासचिव हाजी जावेद शेख, जिल्हा उप अध्यक्ष मुफ्ती अल्ताफ, फिरोज शेख, मास शहर अध्यक्ष अमीर खान , आरिफ सय्यद, समीर बेग, सलमान खान आदी. सह्या आहेत.


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