एमआयएम राजस्थान में अपनी किस्मत अजमायेंगी.
एमआयएम राजस्थान में अपनी किस्मत अजमायेंगी.
बीजेपी और कांग्रेस मे हुआ गटबंधन
एम आय एम को भाजप की बी टीम कहते कहते न जाने काँग्रेस और उनके सहकारी, भाजप मे कब समा जा रही है इसका पता कांग्रेसी नेता को पता नही चलता है.
इसका सबसे चर्चित उदाहरण यांनी राजस्थान के आदिवासी बहुल उदयपूर के डूंगरपुर जिले में बीटीपी यांनी भारतीय ट्रायबल पार्टी को रोकने के लिये बीजेपी के साथ काँग्रेस गट बंधन करती नजर आ रही है.
काँग्रेस की परेशानी और बड सकती है क्युकी बीटीपी ने पहले ही गहलोत सरकार से अपना समर्थन वापस लिया है. अब ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन अध्यक्ष बॅरिस्टर असदुद्दीन ओवेसी भारतीय ट्रायबल पार्टी को राजस्थान मे समर्थन देणे का प्रस्ताव रखा है.
भारतीय ट्रायबल पार्टीचे राष्ट्रीय अध्यक्ष छोटुभाई वासवा ने बीजेपी और कांग्रेस के गटबंधन कोलेकर ट्वीट किया जिसमे उन्होने बीजेपी और कांग्रेस एक ही है याने गंगाधर ही शक्तिमान है यही सत्य है ऐसा लिखा.
इस ट्वीट पर एम आय एम अध्यक्ष बॅरिस्टर असदुद्दीन ओवेसी ने लिखा की काँग्रेस मुझे और आपको दिन रात विपक्षी एकता का पाठ पडाती है लेकिन खुद जनेऊदारी एकता से उपर नही उठ रही है. ये दोनों एक ही लोग है. कब तक ऐसे लोगों के साथ रहेंगे। क्या आपकी राजनीतिक हैसियत इतनी है कि आप राज्य में किंगमेकर बन सकें। उम्मीद है कि आप इसपर जल्द ही सही फैसला लेंगे। हिस्सेदारी के इस संघर्ष में हम आपके साथ हैं।
जवाब में वासवा ने भी कहा, हम भी आपके साथ है।
जिस तरह एम आय एम को महाराष्ट्र के बाद बिहार मे कामयाबी मिली अब एम आय एम अध्यक्ष खासदार ओवेसी की नजर पश्चिम बंगाल उत्तर प्रदेश के साथ राजस्थान पर भी है.
राजस्थान में 40 ऐसे विधानसभा क्षेत्र है जिसे मुस्लिम बहुल क्षेत्र माना जाता है. और एम आय एम की नजर उन्ही क्षेत्र पर है. जयपुर, सीकर, झुंझुनू, अलवर, भरतपुर, सवाई माधोपुर और टोंक जैसे विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।
अब देखना ये है के एम आय एम अपनी पार्टी को राजेस्थान मे किस तरह मजबूत करेंगे.
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