अमीत शाह पत्रकार का नही दे पाए जवाब - AMIT SHAH

 सामान्य पत्रकार ने दिखाया पत्रकारिता किसे कहते है.



हैदराबाद -

हैदराबाद निकाया चुनाव मे भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओ ने प्रचार सभा और रोड शो किए. सभी नेताओ के निशाने पर एम आय एम अध्यक्ष तथा सांसद खासदार असदुद्दिन ओवेसी रहे. भाजपा के एक नेताने कहा की हैदराबाद के पुराने शहर मे रोहिंग्या बसते है तो किसीने एम आय एम अध्यक्ष की तुलना जिन्हा से करदाली. मामला यहां रुखा नही बल्की उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्य नाथ ने तो यहां तक कय दिया  की भाजप की सत्ता आतेही सबसे पहेले हैदराबाद का नाम बदलकर भाग्यनगर रखने वाले है. भाजप के वरिष्ठ नेता और केंद्र गृह मंत्री अमीत शाह ने पत्रकारोसे बात करते हुए कहा की अगर ओवेसी इजाजत लिखित मी दे तो हम रोहिंग्या पर कारवाही करेंगे.  इसी दौरान एम आय एम अध्यक्ष खासदार असदुद्दिन ओवेसी ने एक न्युज चेनल से बात करते हुये कहा की देश का पहेला गृह मंत्री है जो एक सांसद से इजाजत मांग रहा है.         

भाजपा के रोड शो दौरान एक पत्रकार ने गृह मंत्री अमित शाह से कुछ सवाल पुछ लिए  उस पत्रकारने निर्भीड और बिना डरे अमीत शाह से सवाल किया की 

जब हैदराबाद मे बाड आई तब आप और आपके पार्टी के नेता कहा थे?    

केंद्रने कर्नाटक और केरल को मदत किया लेकीन तेलंगाना को मदत क्यो नही किया?

क्या आप हैदराबाद मे जातीय तेढ निर्माण करणे केलीए इस तऱ्ह प्रचार कर रहे है ?

क्या हैदराबाद का नाम बदलने वाले है ?

और पत्रकार ने ये भी कहा की आप पर के सी आर जो टी आर एस पार्टी के अध्यक्ष है उन्होने ये आरोप लगाया है की हैदराबाद का माहोल खराब करने के लिए भाजप गलत इल्जामात लगा रही है.

इससे सवालो के जवाब बिना दिये अमीत शाह वाहसे पत्रकार को जानेके लिए कहते नजर आए. जब कूछ काम नही आया तब अमित शाह ने शाम  को पत्रकार परिषद लेकर पुरा डाटा पेश करेंगे ऐसा बोल वाहसे निकल गये.

जिस तऱ्ह एक सामान्य  पत्रकारने बगैर डरे भाजप नेता तथा केंद्र गृह मंत्री अमीत शाह को सवाल किए उससे ये बात साबित होती है की अगर सचाई से पत्रकारीता करे और निर्भीड सवाल जवाब किए तो जो सही है वो उत्तर देने सक्षम रहेंगा वरना दर किनारा कर वहा से निकाल जायेंगा. जैसा ये मामले मे हुआ.

हैदराबाद चुनाव ओवेसी बनाम भाजप ऐसा देखने मिल रहा है. जबकी चुनावी मैदान मे कॉंग्रेस ने १५० उमिदवार मैदान मे उतारे है. इसके पहले के हैदराबाद निकाया  चुनाव मे कॉंग्रेस को सिर्फ दो और भाजप को चार सीट परही जीत मिली थी. अब देखना ये है की हैदराबाद की जनता हैदराबाद को हैदराबाद रहेने देना चाहती है या भाग्यनगर बनान चाहती है. चुनाव के नतीजे ४ डिसेंबर को आने है.       

पढिये - 

अमीत शाह मांग रहे ओवेसी से इजाज़त - AMIT SHAH WANTS OWAISI'S PERMISSION ...

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